सिविल एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए (DGCA)ने पायलटों और क्रू मेंबर्स के लिए ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट (breath analyzer test) के नियमों में संशोधन कर दिया है। नए नियम के मुताबिक, अब पायलट और क्रू मेंबर्स के लिए माउथवॉश और टूथ जेल या ऐसे किसी भी पदार्थ का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं जिसमें अल्कोहल की मात्रा हो। पीटीआई की खबर के मुताबिक, ऐसा इसलिए ताकि ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट में पॉजिटिव रिजल्ट आ पाएं।
मानदंडों में कई बदलाव किए गए
खबर के मुताबिक, नए नियम में शराब के सेवन के लिए एयरक्राफ्ट स्टाफ की मेडिकल जांच की प्रक्रिया से संबंधित मानदंडों में कई बदलाव किए गए हैं। बुधवार को एक विज्ञप्ति में, डीजीसीए ने कहा कि उसने फीडबैक के मुताबिक मौजूदा नियमों के प्रावधानों को सुव्यवस्थित करने के साथ-साथ विमान संचालन की सुरक्षा बढ़ाने के मकसद से शराब के सेवन के लिए नियमों को संशोधित किया है।
कंपनी के डॉक्टर से परामर्श लेना
डीजीसीए (DGCA) के मुताबिक, कोई भी क्रू मेंबर जो ऐसी दवा ले रहा है, उसे फ्लाइट से जुड़ा काम शुरू करने से पहले कंपनी के डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। सीएआर के मसौदे में वॉचडॉग ने चालक दल (Pilot and Crew Member) को किसी भी दवा/फॉर्मूलेशन या किसी भी पदार्थ जैसे माउथवॉश/टूथ जेल/परफ्यूम या ऐसे किसी उत्पाद का इस्तेमाल करने से रोकने का प्रस्ताव दिया था जिसमें अल्कोहल की मात्रा होती है। ‘परफ्यूम’ शब्द आखिरी सीएआर में शामिल नहीं है।
फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी के साथ ब्रीथ एनालाइजर डिवाइस जरूरी
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के मुताबिक, फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी के साथ ब्रीथ एनालाइजर डिवाइस (breath analyzer Device) जरूरी कर दिया गया है और एजेंसियों की निगरानी और निगरानी के लिए एक प्रक्रिया शुरू की गई है। 30 अक्टूबर की सीएआर में कहा गया है, ब्रेथ एनालाइजर छूटने के मामलों को रोकने के लिए, एक प्रावधान पेश किया गया है, जिसमें यात्रियों के रूप में यात्रा करने वाले ऑपरेटिंग क्रू को ऑपरेटिंग उड़ान के लिए रैंप से रैंप ट्रांसफर के मामले में बोर्डिंग स्टेशन पर ब्रेथ एनालाइजर परीक्षण से गुजरना होगा।