मणिपुर हिंसा और ओडिशा ट्रेन हादसे में जान गंवाने वालों का पिंडदान

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गया : मणिपुर हिंसा व ओडिशा के ट्रेन हादसे में जान गंवाने वालों तथा तुर्की व सीरिया में भूकंप में मारे गए हजारों लोगों के लिए गुरुवार को गयाधाम में सामूहिक पिंडदान किया गया।

इसके बाद सामूहिक तर्पण कर मृतकों के मोक्ष की कामना की गई। आश्विन कृष्ण पक्ष नवमी तिथि पर गुरुवार को विष्णुपद इलाके के सूर्यकुंड के रहने वाले चंदन कुमार सिंह ने यह सामूहिक पिंडदान किया। चंदन कुमार सिंह के पिता सुरेश नारायण ने पहली बार 2001 में देश-दुनिया के जाने-अंजाने, आतंकी हमला, जघन्य अपराध,दुर्घटना और महामारी में जान गंवाने वालों के लिए सामूहिक पिंडदान शुरू किया। 2001 से लगातार 13 वर्षों तक सामूहिक तर्पण व पिंडदान किया। 2014 में उनके निधन के बाद से उनके पुत्र चंदन सामूहिक पिंडदान कर रहे हैं। चंदन ने बताया कि वे पिता आदेश के आदेश का पालन करते हुए पितृपक्ष में मातृ नवमी के दिन ही सामूहिक पिंडदान व तर्पण करते कर रहे हैं।

चंदन ने जघन्य हत्या के शिकार हुई कोलकाता की प्रशिक्षु डॉक्टर के लिए भी तर्पण किया।

कोलकाता की डॉक्टर बिटिया की आत्मा की शांति के लिए गुरुवार को विष्णुपद स्थित देवघाट पर तर्पण किया गया, साथ ही वाणावर पहाड़ पर स्थित बाबा सिद्धनाथ मंदिर में सावन माह में भगदड़ में मरे सभी लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। वहीं रुस और यूक्रेन युद्ध में अब तक मारे गए सैनिकों के लिए भी पिंडदान का कर्मकांड किया गया।

बाबू सुरेश नारायण मेमोरियल ट्रस्ट के बैनर तले श्राद्धकर्ता चंदन कुमार सिंह ने इस प्रक्रिया को पूरा किया। विधिवत पूजा-अर्चना के बाद पिंड को मोक्षदायिनी फल्गु के जल में प्रवाहित कर सभी आत्मा की शांति के लिए भगवान श्री हरि से प्रार्थना की। श्राद्धकर्ता श्री सिंह ने बताया कि सामूहिक तर्पण, श्राद्ध व पिंडदान की शुरूआत वर्ष 2001 में उनके पिता स्व. बाबू सुरेश नारायण ने शुरू की थी, जो आज भी निरंतर चल रही है। उन्होंने कहा कि यह गया तीर्थ है, जिसका कोई नहीं, उसके लिए कोई भी पुत्रवत होकर पिंडदान व तर्पण के काम को कर सकता है। उन्होंने बताया कि इस बार कोलकाता में महिला डॉक्टर की आत्मा की शांति के लिए भी तर्पण किया गया।

स्वामी जगद्गुरु वेंकटेश प्रपन्नचार्य जी के आचार्यत्व में पिंडदान व तर्पण हुआ।

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