भारत-पाक बंटवारे में मृत पूर्वजों के लिए किया गया में पिंडदान
गया। विष्णुनगरी में चल रहे पितृपक्ष मेला में देश के कोने-कोने से सैकड़ो तीर्थयात्री पूर्वजों के मोक्ष की कामना लेकर पिंडदान कर रहे हैं। इन्हीं पिंडदानियों के बीच एक दंपती ने भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान हिंसा में मारे गए अपने 300 पूर्वजों के लिए गयाश्राद्ध किया।
जम्मू-कश्मीर के रजौरी बॉर्डर पर डुंगी बरमना गांव के राजकुमार ने गयाधाम में सात दिन रहकर पत्नी सत्या देवी के साथ पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण किया। उन्होंने फल्गु नदी से गयाश्राद्ध शुरू कर अक्षयवट में संपन्न किया।
सात दिनों तक गया में रहे
राजकुमार शर्मा अपने साथ तीन गौत्र के करीब 300 पूर्वजों की सूची लेकर गया पहुंचे। हरिद्वार और गया के पुरोहित की मदद से रेवेन्यू रिकॉर्ड और जमीनी दस्तावेजों से इनके पूर्वजों के नाम खोजे गए। शर्मा ने बताया कि भारत-पाकिस्तान बंटवारा के दौरान हुई हिंसा में मारे गए पूर्वजों की सूची उनके पास है। पूर्वजों का कर्ज चुकाने के लिए गयाधाम आया हूं। सात दिनों रुक-रुक विभिन्न वेदियों पर पिंडदान कर पिता व दादा सहित अन्य पूर्वजों के मोक्ष की कामना की। उनके साथ उनकी पत्नी सत्या देवी और दो-तीन अन्य रिश्तेदार भी साथ आए हैं। रिश्तेदारों ने भी हमारी तरह अपने कुल के लिए पिंडदान किया। रिफ्यूजी कैंप में स्वाभाविक मौत वालों के लिए भी पिंडदान किया गया। राजकुमार शर्मा ने बताया कि उनका जन्म बंटवारा से पूर्व पाकिस्तान के सुहाना में हुआ। हिंसा के वक्त वे करीब दो साल के रहे होंगे। बंटवारा होते ही पाकिस्तान में रहने वाले उनके तीन गोत्र के 300 रिश्तेदारों की हत्या कर दी गई थी। जवान लड़कों को मार दिया गया। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी बुधवार की सुबह विष्णुपद पहुंचे। यहां पितरों के लिए तर्पण किया।
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