पिट्ठा दिवस : सदियों से बिहारवासियों को पूस की ठंड से बचा रहा पिट्ठा, …इसलिए है खास, यह है बनाने की विधि
पौष यानी पूस मास, अहा ! पिट्ठे का स्वाद। लजीज व्यंजन। यह बहुत ही स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन है। इसे स्वादिष्ट और सुपाच्य भोजन माना जाता है।
इसके सेवन से जहां शरीर में गर्माहट आती है। वहीं पौष्टिकता व ताजगी प्राप्त होती है, क्योंकि इसमें प्रयोग होने वाली तमाम सामग्री स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से लाभदायक है।
ठंड के मौसम में पिठ्ठा खाने से शरीर गर्म रहता है। यह सुपाच्य होने की वजह से बच्चे, वयस्क व बूढ़े बड़े ही चाव से खाते हैं। यह व्यंजन बिहार राज्य के अलावा अन्य राज्यों में लोग बहुत ही चाव से खाते हैं।
कैसे बनता है पिट्ठा
धान कटने के साथ ही सर्दी का आगमन हो जाता है। लोगों के घरों में नए धान पहुंच जाते ही चावल के आटे से इसे तैयार किया जाता है। चावल के आटे में बेदाम, तीसी, गुड़, तिल, आलू, दाल, खोआ को भरकर पिठ्ठा बनाया जाता है।
होम
ताज़ा
चुनाव 2023
क्रिकेट
राष्ट्रीय
शेयर बाजार
मनोरंजन
दुनिया
लाइफस्टाइल
बिजनेस
पॉलिटिक्स
टेक ज्ञान
अध्यात्म
स्पेशल
ऑटो
शिक्षा
एक्सप्लेनर
वायरल
जोक्स
आम मुद्दे
जॉब्स
कैरियर
शहर चुनें
ई-पेपर
Join करें
वीडियो
शॉर्ट्स
Hi-Tech Awards
वाइब्रेंट गुजरात
इजराइल-फलीस्तीन संघर्ष
निखरदा पंजाब
मैसी फर्ग्यूसन
क्या खरीदें
आपका साथी
HINDI NEWS
NAWADA
पिट्ठा दिवस : सदियों से बिहारवासियों को पूस की ठंड से बचा रहा पिट्ठा, …इसलिए है खास, यह है बनाने की विधि
Pitta Day पूस माह और पिट्ठा। इसके कई नाम हैं। यह खाने में स्वादिष्ट और लाभकारी होता है। पहले के समय प्राकृतिक संसाधनों से ही लोग खुद को चुस्त रखते थे। इसके सेवन से जहां शरीर में गर्माहट आती है वहीं पौष्टिकता व ताजगी प्राप्त होती है। कोरोना काल में भी लोगों ने इसका सेवन किया। इसे बनाना भी काफी आसान है।
By Amrendra Kumar Mishra
Edited By: Mohit Tripathi
Published: Fri, 29 Dec 2023 05:16 PM (IST)
Updated: Fri, 29 Dec 2023 05:16 PM (IST)
पिट्ठा दिवस : सदियों से बिहारवासियों को पूस की ठंड से बचा रहा पिट्ठा, …इसलिए है खास, यह है बनाने की विधि
सदियों से बिहारवासियों को पूस की ठंड से बचा रहा पिट्ठा। (फाइल फोटो)
HIGHLIGHTS
पौष मास में पिठ्ठा का सेवन से शरीर में मिलती है गर्माहट व पौष्टिकता।
अनेकों स्वाद के साथ बेहद पौष्टिक और गुणकारी होता है पिट्ठा।
अमरेन्द्र कुमार मिश्र, नारदीगंज (नवादा)। पौष यानी पूस मास, अहा ! पिट्ठे का स्वाद। लजीज व्यंजन। यह बहुत ही स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन है। इसे स्वादिष्ट और सुपाच्य भोजन माना जाता है।
इसके सेवन से जहां शरीर में गर्माहट आती है। वहीं पौष्टिकता व ताजगी प्राप्त होती है, क्योंकि इसमें प्रयोग होने वाली तमाम सामग्री स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से लाभदायक है।
ठंड के मौसम में पिठ्ठा खाने से शरीर गर्म रहता है। यह सुपाच्य होने की वजह से बच्चे, वयस्क व बूढ़े बड़े ही चाव से खाते हैं। यह व्यंजन बिहार राज्य के अलावा अन्य राज्यों में लोग बहुत ही चाव से खाते हैं।
कैसे बनता है पिट्ठा
धान कटने के साथ ही सर्दी का आगमन हो जाता है। लोगों के घरों में नए धान पहुंच जाते ही चावल के आटे से इसे तैयार किया जाता है। चावल के आटे में बेदाम, तीसी, गुड़, तिल, आलू, दाल, खोआ को भरकर पिठ्ठा बनाया जाता है।
उबलते हुए गर्म पानी में चावल का लोई बनाकर गोल, लम्बा व अन्य प्रकार बनाकर उसमें तीसी, बेदाम, गुड़, आलू, चना, खोआ आदि भरकर तैयार किया जाता है। खोआ के पिट्ठे को दूध में बनाया जाता है। इसे दूध पिट्ठा कहा जाता है।
कैसे बनता है पिटठा ?
पानी उबाल कर उसमें चावल का आटा डालकर गूंथा जाता हैं।
छोटी-छोटी लोइयां बनाई जाती है।
गुड़ में तीसी के चूर को मिलाया जाता है।
गुड़ व तीसी को लोई में भरकर लंबा या गोल करके बनाया जाता है।
उसे उबलते पानी में डालकर पकाया जाता है।
पौष मास शुरू होते ही बनने लगता है पिट्ठा
ग्रामीण इलाकों में सदियों से पौष मास प्रारंभ होते ही हर घर में पिट्ठा बनना शुरू हो जाता है। एक बेला का यही भोजन होता है। बुजुर्ग कहते हैं कि शरीर में गर्माहट व पौष्टिकता मिले इसके लिए लोग चाव से पिट्ठा खाते हैं।
पौष मास शुरू हो गया है और चावल का आटा देखकर विभिन्न प्रकार के पिठ्ठे की याद कर लोग अपने अपने घरों में तैयार करना शुरू कर दिए हैं।
पौष्टिकता से भरपूर है पिट्ठा
तीसी के कई फायदें हैं। यह फाइबर, मिनरल्स, ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीआक्सीडेंट के गुणों से भरपूर होती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ता है। इसी प्रकार खोआ है। यह विटामीन डी, कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ ?
तीसी व बेदाम के कई फायदे हैं। यह फाइबर, मिनरल्स, फैटी एसिड और एंटी आक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है। ठंड के मौसम में पिट्ठा खाने से शरीर गर्म रहता है, पौष्टिक आहार है।- जितेन्द्र कुमार, प्रयोगशाला प्रावैधिकी, सीएचसी नारदीगंज।
पौष मास में ठंड से बचाव के लिए प्राकृतिक उपाय है,यानी पिट्ठा खाना। इस मौसम में गर्मी का अहसास और पौष्टिकता से भरपूर चावल का पिट्ठा हर घर में तैयार किया जाता है। खोआ में विटामिन डी और कैल्शियम का स्त्रोत है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है। पीठा काफी गुणकारी व्यंजन है।- डॉ. उमेश प्रसाद शर्मा, आयुष चिकित्सक, सीएचसी, नारदीगंज।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.