पिट्ठा दिवस : सदियों से बिहारवासियों को पूस की ठंड से बचा रहा पिट्ठा, …इसलिए है खास, यह है बनाने की विधि

GridArt 20231230 182843979

पौष यानी पूस मास, अहा ! पिट्ठे का स्वाद। लजीज व्यंजन। यह बहुत ही स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन है। इसे स्वादिष्ट और सुपाच्य भोजन माना जाता है।

इसके सेवन से जहां शरीर में गर्माहट आती है। वहीं पौष्टिकता व ताजगी प्राप्त होती है, क्योंकि इसमें प्रयोग होने वाली तमाम सामग्री स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से लाभदायक है।

ठंड के मौसम में पिठ्ठा खाने से शरीर गर्म रहता है। यह सुपाच्य होने की वजह से बच्चे, वयस्क व बूढ़े बड़े ही चाव से खाते हैं। यह व्यंजन बिहार राज्य के अलावा अन्य राज्यों में लोग बहुत ही चाव से खाते हैं।

कैसे बनता है पिट्ठा

धान कटने के साथ ही सर्दी का आगमन हो जाता है। लोगों के घरों में नए धान पहुंच जाते ही चावल के आटे से इसे तैयार किया जाता है। चावल के आटे में बेदाम, तीसी, गुड़, तिल, आलू, दाल, खोआ को भरकर पिठ्ठा बनाया जाता है।

होम

ताज़ा

चुनाव 2023

क्रिकेट

राष्ट्रीय

शेयर बाजार

मनोरंजन

दुनिया

लाइफस्टाइल

बिजनेस

पॉलिटिक्स

टेक ज्ञान

अध्यात्म

स्पेशल

ऑटो

शिक्षा

एक्सप्लेनर

वायरल

जोक्स

आम मुद्दे

जॉब्स

कैरियर

शहर चुनें

ई-पेपर

Join करें

वीडियो

शॉर्ट्स

Hi-Tech Awards

वाइब्रेंट गुजरात

इजराइल-फलीस्तीन संघर्ष

निखरदा पंजाब

मैसी फर्ग्यूसन

क्या खरीदें

 

आपका साथी

HINDI NEWS

NAWADA

पिट्ठा दिवस : सदियों से बिहारवासियों को पूस की ठंड से बचा रहा पिट्ठा, …इसलिए है खास, यह है बनाने की विधि

Pitta Day पूस माह और पिट्ठा। इसके कई नाम हैं। यह खाने में स्‍वादिष्‍ट और लाभकारी होता है। पहले के समय प्राकृतिक संसाधनों से ही लोग खुद को चुस्त रखते थे। इसके सेवन से जहां शरीर में गर्माहट आती है वहीं पौष्टिकता व ताजगी प्राप्त होती है। कोरोना काल में भी लोगों ने इसका सेवन किया। इसे बनाना भी काफी आसान है।

 

By Amrendra Kumar Mishra

Edited By: Mohit Tripathi

Published: Fri, 29 Dec 2023 05:16 PM (IST)

Updated: Fri, 29 Dec 2023 05:16 PM (IST)

 

पिट्ठा दिवस : सदियों से बिहारवासियों को पूस की ठंड से बचा रहा पिट्ठा, …इसलिए है खास, यह है बनाने की विधि

सदियों से बिहारवासियों को पूस की ठंड से बचा रहा पिट्ठा। (फाइल फोटो)

HIGHLIGHTS

पौष मास में पिठ्ठा का सेवन से शरीर में मिलती है गर्माहट व पौष्टिकता।

अनेकों स्वाद के साथ बेहद पौष्टिक और गुणकारी होता है पिट्ठा।

 

अमरेन्द्र कुमार मिश्र, नारदीगंज (नवादा)। पौष यानी पूस मास, अहा ! पिट्ठे का स्वाद। लजीज व्यंजन। यह बहुत ही स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन है। इसे स्वादिष्ट और सुपाच्य भोजन माना जाता है।

 

इसके सेवन से जहां शरीर में गर्माहट आती है। वहीं पौष्टिकता व ताजगी प्राप्त होती है, क्योंकि इसमें प्रयोग होने वाली तमाम सामग्री स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से लाभदायक है।

 

ठंड के मौसम में पिठ्ठा खाने से शरीर गर्म रहता है। यह सुपाच्य होने की वजह से बच्चे, वयस्क व बूढ़े बड़े ही चाव से खाते हैं। यह व्यंजन बिहार राज्य के अलावा अन्य राज्यों में लोग बहुत ही चाव से खाते हैं।

 

कैसे बनता है पिट्ठा

धान कटने के साथ ही सर्दी का आगमन हो जाता है। लोगों के घरों में नए धान पहुंच जाते ही चावल के आटे से इसे तैयार किया जाता है। चावल के आटे में बेदाम, तीसी, गुड़, तिल, आलू, दाल, खोआ को भरकर पिठ्ठा बनाया जाता है।

 

उबलते हुए गर्म पानी में चावल का लोई बनाकर गोल, लम्बा व अन्य प्रकार बनाकर उसमें तीसी, बेदाम, गुड़, आलू, चना, खोआ आदि भरकर तैयार किया जाता है। खोआ के पिट्ठे को दूध में बनाया जाता है। इसे दूध पिट्ठा कहा जाता है।

 

कैसे बनता है पिटठा ?

पानी उबाल कर उसमें चावल का आटा डालकर गूंथा जाता हैं।

छोटी-छोटी लोइयां बनाई जाती है।

गुड़ में तीसी के चूर को मिलाया जाता है।

गुड़ व तीसी को लोई में भरकर लंबा या गोल करके बनाया जाता है।

उसे उबलते पानी में डालकर पकाया जाता है।

पौष मास शुरू होते ही बनने लगता है पिट्ठा

ग्रामीण इलाकों में सदियों से पौष मास प्रारंभ होते ही हर घर में पिट्ठा बनना शुरू हो जाता है। एक बेला का यही भोजन होता है। बुजुर्ग कहते हैं कि शरीर में गर्माहट व पौष्टिकता मिले इसके लिए लोग चाव से पिट्ठा खाते हैं।

पौष मास शुरू हो गया है और चावल का आटा देखकर विभिन्न प्रकार के पिठ्ठे की याद कर लोग अपने अपने घरों में तैयार करना शुरू कर दिए हैं।

पौष्टिकता से भरपूर है पिट्ठा

तीसी के कई फायदें हैं। यह फाइबर, मिनरल्स, ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीआक्सीडेंट के गुणों से भरपूर होती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ता है। इसी प्रकार खोआ है। यह विटामीन डी, कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ ?

तीसी व बेदाम के कई फायदे हैं। यह फाइबर, मिनरल्स, फैटी एसिड और एंटी आक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है। ठंड के मौसम में पिट्ठा खाने से शरीर गर्म रहता है, पौष्टिक आहार है।- जितेन्द्र कुमार, प्रयोगशाला प्रावैधिकी, सीएचसी नारदीगंज।

पौष मास में ठंड से बचाव के लिए प्राकृतिक उपाय है,यानी पिट्ठा खाना। इस मौसम में गर्मी का अहसास और पौष्टिकता से भरपूर चावल का पिट्ठा हर घर में तैयार किया जाता है। खोआ में विटामिन डी और कैल्शियम का स्त्रोत है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है। पीठा काफी गुणकारी व्यंजन है।- डॉ. उमेश प्रसाद शर्मा, आयुष चिकित्सक, सीएचसी, नारदीगंज।

Sumit ZaaDav: Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.
Related Post
Recent Posts