चुनाव आयोग को लेकर देश में सियासत होती रही है. बिहार के राजनीतिक दल भी सवाल उठाते रहे हैं. इसी बीच चुनावी रणनीतिकार व जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने भी चुनाव आयोग की भूमिका को लेकर प्रश्न चिन्ह लगाया है।
PK ने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर उठाये सवाल : जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने मोदी सरकार में चुनाव आयोग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि मैं पिछले कई समय से इस बात को कह रहा हूं कि लोगों के बीच में ये छवि बन गई है कि भाजपा सरकार में चुनाव आयोग अपना काम स्वायत्त रूप से करने की बजाए केंद्र सरकार के एक विस्तारित अंग की तौर पर काम कर रहा है।
”आम लोगों में यह छवि बन गई है कि चुनाव आयोग सिर्फ वही करता हैं जो मोदी सरकार चाहती है. मोदी सरकार में हर चुनाव में चुनाव आयोग की कार्यशैली, निष्पक्षता और विश्वसनीयता पर लोग सवाल उठाते रहे हैं.”- प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज
‘चुनाव आयोग मोदी सरकार के हिसाब से काम करता है’ : प्रशांत किशोर ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार में चुनाव आयोग राज्यों के चुनाव में भी केंद्र सरकार के मुताबिक ही अपने निर्णय लेता है. बंगाल चुनाव का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि बंगाल चुनाव के दौरान जब मैं वहां काम कर रहा था तब भी मैंने चुनाव आयोग की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह खड़े किए थे. आयोग की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल निश्चित रूप से सही है।
EVM पर भी उठ चुके हैं सवाल : बता दें कि विपक्षी पार्टियां अक्सर ही चुनाव आयोग पर प्रश्न चिह्न खड़े करती रही है. तमाम पार्टियों के नेता ईवीएम पर भी सवाल उठाते रहे हैं. ऐसे में प्रशांत किशोर के बयान पर आयोग क्या कहता है यह तो वक्त ही बताएगा।