पटना, 22 अप्रैल 2025: विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अधीन कार्यरत राष्ट्रीय डॉल्फिन शोध केंद्र, पटना में मंगलवार को पौधारोपण एवं जागरूकता व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना और पृथ्वी के प्रति उनके उत्तरदायित्व को समझाना था।
कार्यक्रम की शुरुआत विभिन्न प्रकार के फलों के पौधों के रोपण से की गई। आयोजकों ने बताया कि ये पौधे आने वाली पीढ़ियों को पर्यावरणीय एवं पोषण संबंधी लाभ देंगे।
इस मौके पर केंद्र के अंतरिम निदेशक डॉ. गोपाल शर्मा ने पृथ्वी दिवस 2025 की थीम “हमारी शक्ति, हमारा गृह” पर आधारित व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, “हमारे पास जो शक्ति है, उसका उपयोग पृथ्वी को बचाने के लिए होना चाहिए। यही समय है जब हमें जागरूक होकर अपने ग्रह की रक्षा करनी है।”
हाजीपुर स्थित एसएन कॉलेज के जंतु विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. सत्येन्द्र कुमार ने पेड़ों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “आईसीयू में भर्ती मरीज से बेहतर कोई ऑक्सीजन का महत्व नहीं समझ सकता। एक पेड़ लगाओ, सौ जान बचाओ।”
पटना विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान के प्रोफेसर जीबी चांद ने अपने वक्तव्य में कहा, “पृथ्वी की रक्षा सामूहिक जिम्मेदारी है। संसाधनों का अंधाधुंध दोहन रुकना चाहिए और समाज के सभी वर्गों की सहभागिता से ही पर्यावरणीय संतुलन संभव है।”
कार्यक्रम में शोधकर्ताओं, छात्रों एवं आम लोगों ने भाग लिया और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में संकल्प लिया।