जैसे-जैसे नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट का समय नजदीक आ रहा है, बिहार की सियासत में जोड़-तोड़ की राजनीति तेज हो गई है। नीतीश सरकार विधानसभा में विश्वासमत हासिल नहीं कर सके इसको लेकर बिहार की राजनीति के धुरंधर लालू प्रसाद पूरी तरह से एक्टिव हो गए हैं। लालू ने माले के दो विधायकों को अपना दूत बनाकर जीतन राम मांझी को मनाने के लिए भेजा है।

जीतन राम मांझी और उनके बेटे संतोष सुमन से मुलाकात करने के बाद बलरामपुर से माले विधायक महबूब आलम ने गोल मटोल जवाब दिया और कहा कि जीतन राम मांझी हमारे गार्जीयन हैं, उनके स्वास्थ्य का हाल पूछने के लिए आए थे। खुशी की बात है कि जीतन राम मांझी पूरी तरह से स्वस्थ हैं और मांझी जी अच्छा खेल दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी मांझी से कोई राजनीतिक बात नहीं हुई है।

सियासी उठापटक के बीच मांझी से मुलाकात के सवाल पर माले विधायक महबूब आलम ने कहा कि लंबे समय से हमलोगों की मुलाकात नहीं हुई थी, उनके स्वास्थ्य का हाल पूछने आए थे। इन सब खेल के बीच हमलोग बिल्कुल भी नहीं हैं। खेल करने के पहल में कहीं हमलोगों को किसी ने देखा है, हमलोग इन सबके बीच नहीं हैं।

वहीं माले विधायक सत्यदेव राम ने कहा कि जीतन राम मांझी गरिबों का सवाल उठाते रहे हैं। हम लोग उनसे आग्रह करने आए थे कि आगे भी वे गरीबों के मुद्दों को उठाते रहें। मांझी हमारे गार्जीयन है, उनसे मुलाकात नहीं कर सकते हैं क्या? माले विधायक चाहे जो भी कहें लेकिन मांझी से उनकी मुलाकात के बाद एक बार फिर से जीतन राम मांझी के पाला बदलने के आसार दिख रहे हैं।


Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts to your email.

Adblock Detected!

Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors. Please consider supporting us by whitelisting our website.