भागलपुर : वर्ष 2021 में आई प्रलयंकारी बाढ़ के रिकार्ड के करीब गंगा पहुंच गई है। उत्तराखंड-यूपी में एक सप्ताह पहले हुई भारी बारिश का असर गुरुवार को भागलपुर में दिख गया। डाउन स्ट्रीम होने के चलते सुल्तानगंज से कहलगांव में पानी का दबाव बना रहा। सर्वाधिक समस्या नाथनगर, शहरी क्षेत्र व सबौर में दिखी।शहरी क्षेत्र में गंगा किनारे के मोहल्ले में पानी सट गया है। कटाव के साथ बाढ़ के कहर से लोग तेजी से सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं।
बरारी पुल घाट की सारी सीढ़ियां डूब गई हैं। बूढ़ानाथ मंदिर के पास भी पानी बढ़ने लगा है। इंजीनियरिंग कॉलेज के पीछे की दीवार के पास पानी सट गया है। तिलकामांझी विश्वविद्यालय के सीनेट भवन के पास पानी चारों ओर फैलने लगा है। लोग शुक्रवार को मुख्य मार्ग के ठप होने की आशंका जता रहे हैं। सबौर की ममलखा पंचायत स्थित प्राथमिक विद्यालय, रामनगर रजंदीपुर पंचायत के प्राथमिक विद्यालय, संतनगर शंकरपुर पंचायत स्थित पुरानी शंकरपुर प्रावि, फरका पंचायत स्थित मवि घोषपुर में गंगा का पानी घुस जाने के कारण विद्यालय बंद कर दिया गया। खानकित्ता में डायवर्जन के पास एक ट्रैक्टर भी फंस गया।
केंद्रीय जल आयोग की जारी रिपोर्ट के मुताबिक, भागलपुर में गंगा फिर लाल निशान (33.68 मीटर) से ऊपर बहने लगी है। गुरुवार को 45 सेमी वृद्धि हुई है। जिससे लाल निशान से 20 सेमी 33.88 मीटर पर जलस्तर चला गया। कहलगांव में 40 सेमी की वृद्धि हुई है। जिससे जलस्तर लाल निशान 31.09 मीटर से 61 सेमी ऊपर यानी 31.70 मीटर पर चला गया। आयोग ने भागलपुर प्रशासन को अलर्ट किया है कि शुक्रवार को गंगा का जलस्तर भागलपुर में 44 सेमी और कहलगांव में 90 सेमी तक बढ़ने की संभावना है। जल संसाधन विभाग ने सभी तटबंधों पर नाइट पेट्रोलिंग की व्यवस्था की है। कार्यपालक अभियंता आदित्य प्रकाश ने बताया कि जेई और एई को तटबंधों की सुरक्षा और जलस्तर की बढ़ोतरी पर नजर रखते हुए हरेक घंटे रिपोर्ट देने को कहा गया है।