‘मन की बात’ के 10 साल को पीएम मोदी ने बताया खास, 114 वें एपिसोड में झांसी की जल सहेलियों की तारीफ

Narendra Modi Man ki BaatNarendra Modi Man ki Baat

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 114वें एपिसोड में कहा- हमारी यात्रा को 10 साल हो चुके हैं। यह कार्यक्रम विजयादशमी के दिन शुरू हुआ था। 10 साल पूरे होने के समय नवरात्रि का पहला दिन होगा। मन की बात के कई पड़ाव हैं जिन्हें मैं भूल नहीं सकता।

पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी को अपनी विरासत पर गर्व है। यही वजह है कि मुझे हाल की अमेरिकी यात्रा के खास पहलू को लेकर बहुत संदेश मिले हैं। हमारी प्राचीन कलाकृतियों को लेकर बहुत चर्चा हो रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनापन दिखाया। मेरी यात्रा के दौरान अमेरिकी सरकार ने भारत को करीब 300 कलाकृतियों को वापस दिया है। इनमें से कुछ 4 हजार साल पुरानी हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि इस मन की बात की यात्रा के दौरान कई ऐसे साथी हैं, जिनका निरंतर सहयोग मिलता रहा है। एक धारणा ऐसी घर कर गई थी कि जब तक चटपटी नकरात्मक बातें न हों तब तक उसे तवज्जोह नहीं मिलती। मन की बात ने इसे गलत साबित किया है।

पीएम मोदी ने कहा कि मन की बात मेरे लिए ऐसी है जैसे मंदिर जाकर पूजा करना। मैं सभी मीडिया को धन्यवाद करता हूं ,क्योंकि उन्होंने इस कार्यक्रम को घर-घर पहुंचाया है। यूट्यूबर्स ने इस पर कई कार्यक्रम किए हैं। मुझे अच्छा लगता है जब लोग ये कहते हैं कि उन्होंने मन की बात को स्थानीय भाषा में सुना। आपको पता होगा, इस पर एक क्विज भी चल रही है,जिसमें कोई भी हिस्सा ले सकता है। आज इस पड़ाव पर मैं आपसे आशीर्वाद मांगता हूं। मैं इसी तरह भारत के लोगों की महानता के गीत गाता रहूं, यही मेरी ईश्वर से प्रार्थना है। जनता से प्रार्थना है।

उन्होंने कहा हर एपिसोड के साथ नई गाथाएं कीर्तिमान जुड़ जाते हैं। हमारे समाज में सामूहिकता के साथ काम हो रहा हो तो उसे मन की बात में सम्मान मिल जाता है। हमारे देश में कई लोगों का जीवन निस्वार्थ सेवा में लगा है। उनके बारे में जानकार मैं गर्व से भर जाता हूं। पिछले कुछ सप्ताह से देश के अलग हिस्सों में जबरदस्त बारिश हो रही है। ये हमें जल संरक्षण के बारे में याद दिलाता है। मुझे खुशी है कि इसके लिए कई लोग पहल कर रहे हैं। यूपी के झांसी में एक ऐसी ही पहल हुई है। यहां हमेशा पानी की किल्लत रहती है। यहां की महिलाओं ने जल सहेली बनकर मृतप्राय हो चुकी गुरारी नदी को बचाया है।

इन जल सहेलियों ने बोरियों में बालू को भरकर पानी को बचाया। नदी को पानी से लबालब भर दिया। इससे क्षेत्र के लोगों की जल समस्या दूर हुई है। मुझे मध्यप्रदेश के दो प्रयासों की जानकारी मिली है। डिंडोरी के रैपुरा गांव में शारदा आजीविका स्वसहायता समूह ने फिश पार्लर शुरू किया है। छतरपुर में भी महिलाओं ने गांव के तालाब को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया।

देश के हर हिस्से में स्वच्छता को लेकर कोई न कोई प्रयास चल रहा है। 2 अक्टूबर को स्वच्छता अभियान के 10 साल हो रहे हैं। ये महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि है जो पूरे जीवन भर इसके लिए प्रयासरत रहे।

मन की बात से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

2015 में पूर्व अमेरिकी प्रधानमंत्री बराक ओबामा ने भी शो अपनी बात रखी थी। अप्रैल 2023 में मन की बात का 100वां एपिसोड का टेलीकास्ट यूनाइडेट नेशन हेडक्वॉर्टर न्यूयॉर्क में भी हुआ था। 27 करोड़ लोग इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, 6 करोड़ लोग डिजीटली मन की बात को सुनते हैं। 130 से ज्यादा टीवी चैनल और 800 से ज्यादा रेडियो स्टेशन इस शो को टेलीकास्ट करते हैं।

22 भाषाओं में ब्रॉडकास्ट होता है मन की बात कार्यक्रम

मन की बात को 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा 11 विदेशी भाषाओं में भी ब्रॉडकॉस्ट किया जाता है। इनमें फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली शामिल हैं। मन की बात की ब्रॉडकास्टिंग आकाशवाणी के 500 से अधिक ब्रॉडकास्टिंग सेंटर द्वारा किया जाता है। पहले एपिसोड की टाइम लिमिट 14 मिनट थी। जून 2015 में इसे बढ़ाकर 30 मिनट कर दिया गया था।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.
whatsapp