देश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देकर अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने की नरेंद्र मोदी सरकार की कोशिश रंग ला रही है। नरेंद्र मोदी सरकार इस बात को समझती है कि दुनिया के जिन भी देशों में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिला है, वहां निवेश की संभावना बढ़ने के साथ ही रोजगार के भी नए अवसर पैदा हुए हैं।
ऐसे में सरकार का ध्यान आर्थिक क्षेत्र के अन्य आयामों को बेहतर बनाने के साथ धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने का भी है और इसके लिए सरकार सतत प्रयास कर रही है। नरेंद्र मोदी 1.0 सरकार के गठन के बाद से ही एक-एक कर प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों के कायाकल्प की तैयारी शुरू हुई और धीरे-धीरे देश का धार्मिक पर्यटन अब तेजी से बढ़ रहा है। इसके जरिए खूब रोजगार पैदा हो रहे हैं और साथ ही देशभर में प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थलों पर तेजी से विदेशियों के आने का सिलसिला भी बढ़ा है।
दिव्य और भव्य राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद देश-विदेश के सबसे ज्यादा श्रद्धालु अयोध्या की तरफ आ रहे हैं। माना जा रहा है कि अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए हर महीने 1 करोड़ तक श्रद्धालु आ रहे हैं। सरकार ने अयोध्या नगरी के विकास पर ही केवल 850 अरब रुपए खर्च करने की योजना बनाई है।
ऐसे में अर्थव्यवस्था को कैसे तेजी से आगे ले जाना है, इसको लेकर मोदी सरकार ने जो खाका खींचा, उसमें धार्मिक पर्यटक स्थलों के विकास को प्रमुखता से स्थान दिया गया है। इन धार्मिक स्थलों पर आने वाले तीर्थयात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगातार सुविधाओं और सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। हालांकि, इसके साथ ही पीएम मोदी ने भारत के अन्य पर्यटक स्थलों के विकास पर भी ध्यान केंद्रित किया है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान हो या लक्षद्वीप का दौरा, पीएम मोदी देशभर में पर्यटन को बढ़ावा देने और इसके जरिए होने वाले रोजगार सृजन को लेकर लगातार काम कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी सरकार देश के पर्यटन स्थलों के विकास और इसके प्रचार को लेकर सतत प्रयास कर रही है।
ऐसे में देश में पर्यटन स्थलों के विकास के साथ पर्यटकों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ है। पीएम मोदी देश के पर्यटन के प्रति दुनिया का आकर्षण कैसे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं, यह उनके हर दौरे में देखा जा सकता है। देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पीएम मोदी ‘स्वदेश दर्शन 2.0’ योजना का भी शुभारंभ कर चुके हैं। जिसके तहत देश के विभिन्न हिस्सों में 53 अन्य परियोजनाओं का डिजिटल उद्घाटन किया गया था। जम्मू-कश्मीर में पीएम मोदी वहां के स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘वेड इन इंडिया’ अभियान की वकालत कर चुके हैं।
गुजरात के दौरे के क्रम में पीएम मोदी ने द्वारकाधीश मंदिर के दर्शन करके और जलमग्न द्वारका नगरी के दर्शन करने के साथ स्कूबा डाइविंग कर पर्यटकों का ध्यान इस ओर भी आकर्षित कराया था।
पीएम मोदी ने इससे पहले केदारनाथ, गंगटोक जैसी जगहों पर भ्रमण करते अपनी तस्वीर शेयर की थी और इन जगहों पर भी पर्यटकों की आवाजाही तेजी से बढ़ी। पीएम मोदी के पर्यटन विकास के विजन का ही नतीजा रहा है कि सोमनाथ मंदिर, काशी विश्वनाथ, महाकाल मंदिर कॉरिडोर तो देश को समर्पित हो चुका है। अयोध्या में राम मंदिर भी देश के लोगों के लिए खुला है। यूपी में मथुरा-वृंदावन, असम के गुवाहाटी में कामाख्या मंदिर, महाराष्ट्र के कोल्हापुर में महालक्ष्मी, नासिक से त्र्यंबकेश्वर तक कॉरिडोर, चित्रकूट में वनवासी राम पथ, ओरछा में रामराजा लोक, दतिया में पीतांबरा पीठ कॉरिडोर जैसे कई अन्य धार्मिक विकास परियोजनाओं का काम लगभग पूरा होने के कगार पर है।
पीएम मोदी बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी कर चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी का फोकस पूरी तरह से देश की सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक विरासत को सहेजने और संवारने का भी रहा है। जिसके जरिए पर्यटन का विकास तेज हो सके। उन्होंने सनातन संस्कृति के वैभव को ही नहीं जैन, सिख, बौद्ध हर धर्म के ऐतिहासिक विरासत को सहेजने और संवारने का काम किया। इसके साथ ही उनके इस सतत प्रयास की बदौलत 2028 तक देश में एक करोड़ से ज्यादा रोजगार के नए अवसर पैदा होने की भी संभावना है।
मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर कॉरिडोर का काम पूरा हो चुका है, वहीं चित्रकूट, ओरछा, दतिया, इंदौर, महू के कॉरिडोर का काम तेजी से चल रहा है। इसके अलावा छिंदवाड़ा में हनुमान मंदिर लोक, ग्वालियर में शनि लोक, बड़वानी में नाग लोक, सलकनपुर का श्रीदेवी महालोक, ओंकारेश्वर में ओंकारेश्वर लोक का काम चल रहा है। इसके साथ ही गुजरात के पावागढ़ में 18 जून, 2022 को 500 साल बाद प्रधानमंत्री मोदी ने महाकाली मंदिर शिखर पर पताका फहराया। इस मंदिर का पुनर्विकास किया गया।
वहीं, कश्मीर घाटी में फैले कई पुराने मंदिरों के पुनरुद्धार का काम शुरू है। पीएम मोदी के पर्यटन विकास विजन का ही कमाल है कि उनके प्रयासों से वहां के 740 जीर्ण-शीर्ण पड़े मंदिरों के पुनर्विकास के काम में तेजी आई है। उत्तराखंड में चार धाम विकास परियोजना पर काम शुरू हुआ है, इसके तहत गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को हर मौसम के लिहाज से बेहतर सड़क से जोड़ने का काम चल रहा है। इसके साथ कर्णप्रयाग और ऋषिकेश को रेल मार्ग से जोड़ने का भी काम किया जा रहा है।