आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी के दुरुपयोग और डीपफेक वीडियो की बढ़ती घटनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सख्त रुख अपना लिया है। शुक्रवार को उन्होंने एक भाषण में एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी के दुरुपयोग पर चिंता जताई। शुक्रवार को दिल्ली में बीजेपी ऑफिस में दिवाली मिलन समारोह में पीएम मोदी ने इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि मीडिया को इस दुरुपयोग और संकट के बारे में लोगों को जागरूक करना चाहिए। साथ ही डीपफेक वीडियो की घटनाओं पर चिंता जताई। यहां तक की उन्होंने कहा कि मैंने खुद का भी एक डीपफेक वीडियो देखा। मेरे कुछ प्रशंसकों ने मुझे एक वीडियो भेजा, जिसमें मैं गरबा खेलता दिख रहा हूं। पीएम ने कहा कि ऐसे वीडियो बताते वक्त डिस्क्लेमर देना अनिवार्य होना चाहिए कि यह डीपफेक तकनीक का प्रयोग करके बनाया गया है।
बता दें कि हाल ही में डीपफेक वीडियो का मुद्दा सोशल मीडिया पर छाया रहा। डीपफेक वीडियो का अर्थ है कि एक व्यक्ति की वीडियो में किसी दूसरे व्यक्ति का चेहरा लगा देना। कई सेलिब्रिटीज के इस तरह के वीडियो सामने आए हैं। इसमें रश्मिका मंदाना का डीपफेक वीडियो सुर्खियों में आया था, जिसके बाद कैटरिना कैफ, काजोल और सचिन तेंदुलकर की बेटी सारा सहित कई अन्य सेलिब्रिटिज के भी ऐसे ही वीडियो सामने आ गए। रश्मिका मंदाना के केस में तो मुकदमा भी दर्ज हो चुका है और पुलिस ने एक 19 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया है।
डीपफेक तकनीक के अलावा पीएम मोदी ने छठ पर्व को लेकर भी महत्वपूर्ण बात कही। उन्होंने छठ पर्व को राष्ट्रीय पर्व की संज्ञा दी। इसके साथ ही उन्होंने विकसित भारत के संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि विकसित भारत केवल शब्द नहीं बल्कि जमीनी हकीकत है। पीएम मोदी ने साथ ही ये भी कहा कि लोकल फॉर वोकल मिशन को आम जनता का समर्थन मिल रहा है। साथ ही कहा कि कोविड-19 से निबटने में भारत जिस तरह से सफल हुआ है, उसके बाद भारतीयों को विश्वास हो गया है कि देश अब रुकने वाला नहीं है।