पीएम मोदी ने आज शुक्रवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से टेलीफोन पर चर्चा की। बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा खासकर हिंदुओं पर हो रही हिंसा को रोकने के लिए विशेष ध्यान देने के लिए आग्रह किया।
एक लोकतांत्रिक, स्थिर और शांतिपूर्ण बांग्लादेश के लिए भारत के समर्थन की पुष्टि करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न विकास पहलों के माध्यम से बांग्लादेश का समर्थन करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। पीएम कार्यालय द्वारा जारी सूचना में बताया गया कि पीएम मोदी ने विभिन्न विकास पहलों के माध्यम से बांग्लादेश के लोगों का समर्थन करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
जवाब में, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने पीएम मोदी को आश्वासन दिया कि अंतरिम सरकार बांग्लादेश के भीतर हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा को प्राथमिकता देगी। इस दौरान शीर्ष नेताओं ने दोनों देशों की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ तालमेल बिठाते हुए द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाने के रास्ते भी तलाशे। सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में, पीएम मोदी ने बताया “प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस से एक टेलीफोन कॉल आया। बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर विचार विमर्श किया गया। उन्होंने बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं और अन्य सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा,और संरक्षा का आश्वासन दिया है।”
बता दें कि दोनों देशों के नेताओं के बीच यह बातचीत बांग्लादेश में बढ़ती अशांति के मद्देनजर हुई है, जिसके कारण पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा। बड़े पैमाने पर छात्र विरोध प्रदर्शन के बाद, जो एक व्यापक सरकार विरोधी आंदोलन में बदल गया, शेख हसीना ने 5 अगस्त को भारत में शरण ली। इसके बाद बांग्लादेश में 84 वर्षीय मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने 8 अगस्त को शपथ ली।
बांग्लादेश में हिंसा और अराजकता की बढ़ती घटनाओं के बीच, विशेष रूप से अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने पर भारत ने चिंता व्यक्त की और पड़ोसी देश में कानून और व्यवस्था की शीघ्र ही शांति बहाली का आह्वान किया है।