महाराष्ट्र दौरे पर पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के लोगों से सिर झुकाकर माफी मांगते हुए कहा कि वह सिंधुदुर्ग में शिवाजी की मूर्ति गिरने से आहत हैं। पालघर जिले के मालवन में एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने घटना के लिए माफी मांगते हुए विपक्ष की आलोचना भी की।
“हमारे देवता से बड़ा कुछ नहीं”
पीएम मोदी ने कहा, “जो लोग छत्रपति शिवाजी महाराज को अपना देवता मानते हैं और उन्हें बहुत दुख पहुंचा है, मैं उनसे सिर झुकाकर माफी मांगता हूं। हमारे मूल्य अलग हैं। हमारे लिए हमारे देवता से बड़ा कुछ नहीं है।” बता दें कि राज्य के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची मूर्ति 26 अगस्त को गिर गई थी।
“शिवाजी महाराज से सिर झुकाकर माफी मांगता हूं”
इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर “भूमिपुत्र” वीर सावरकर का अपमान करने और उन्हें गाली देने का आरोप लगाया और कहा कि उनके “मूल्य” अलग हैं। उन्होंने कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे लिए सिर्फ एक नाम नहीं है। आज मैं अपने भगवान छत्रपति शिवाजी महाराज से सिर झुकाकर माफी मांगता हूं। हमारे मूल्य अलग हैं, हम वो लोग नहीं हैं जो भारत माता के महान सपूत, इस भूमि के सपूत वीर सावरकर को गाली देते और अपमानित करते रहते हैं। वे माफी मांगने के लिए तैयार नहीं हैं, वे अदालत में जाकर लड़ने के लिए तैयार हैं।”
इससे पहले पीएम मोदी ने इससे पहले महाराष्ट्र के पालघर में वधवन बंदरगाह की आधारशिला रखी। इस परियोजना की कुल लागत करीब 76,000 करोड़ रुपये है। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान करीब 1,560 करोड़ रुपये की 218 मत्स्य पालन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पुनर्निर्माण के लिए युद्ध स्तर पर निर्णय ले रही है और राज्य के मालवन इलाके में प्रतिमा के ढहने की जांच के लिए दो समितियों का गठन किया गया है।