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प्रधानमंत्री मोदी ने बंदर सेरी बेगवान में उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद का किया दौरा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को बंदर सेरी बेगवान में प्रतिष्ठित उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद का दौरा किया। ब्रुनेई के धार्मिक मामलों के मंत्री पेहिन दातो उस्ताज़ हाजी अवांग बदरुद्दीन ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। ब्रुनेई के स्वास्थ्य मंत्री दातो डॉ. हाजी मोहम्मद ईशाम भी इस अवसर पर उपस्थित थे। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद के दौरे की तस्वीरों को साझा किया हैं। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के ब्रुनेई दौरे पर हैं।

प्रधानमंत्री मोदी 3 सितंबर को ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया के निमंत्रण पर आधिकारिक यात्रा पर बंदर सेरी बेगवान पहुंचे। दरअसल यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ब्रुनेई की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। पीएम मोदी की यह यात्रा इस लिहाज़ से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है क्यूंकि भारत और ब्रुनेई के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री की यह ऐतिहासिक यात्रा हो रही है। इस दौरान पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। बंदर सेरी बेगवान पहुंचने पर प्रधानमंत्री का औपचारिक स्वागत किया गया और ब्रुनेई के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री कार्यालय में वरिष्ठ मंत्री राजकुमार हाजी अल-मुहतादी बिल्लाह ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

ब्रुनेई भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और भारत-प्रशांत विजन में एक महत्वपूर्ण साझेदार है। भारत और ब्रुनेई के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध हैं, जो द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर आपसी सम्मान और समझ पर आधारित हैं। दोनों देश एक सहस्राब्दी से चले आ रहे इतिहास, संस्कृति और परंपरा से जुड़े हुए हैं।

कल पीएम मोदी ने बंदर सेरी बेगवान में प्रतिष्ठित उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद का दौरा किया। ब्रुनेई के धार्मिक मामलों के मंत्री पेहिन दातो उस्ताज़ हाजी अवांग बदरुद्दीन ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। ब्रुनेई के स्वास्थ्य मंत्री दातो डॉ. हाजी मोहम्मद ईशाम भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए भारतीय समुदाय के सदस्यों का समूह भी वहां मौजूद था। बता दें, ब्रुनेई में भारतीयों के आगमन का पहला चरण 1920 के दशक में तेल की खोज के साथ शुरू हुआ था। वर्तमान में, लगभग 14,000 भारतीय ब्रुनेई में रह रहे हैं। ब्रुनेई के स्वास्थ्य देखभाल सेवा तथा शिक्षा क्षेत्रों के विकास में भारतीय डॉक्टरों तथा शिक्षकों के योगदान को अच्छी मान्यता मिली है। पीएम मोदी बाद में अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, “ब्रुनेई में उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद गया।” उन्होंने एक्स पर तस्वीरें भी साझा कीं हैं।

उल्लेखनीय है कि उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद का नाम ब्रुनेई के 28वें सुल्तान के नाम पर रखा गया है। उन्हें आधुनिक ब्रुनेई का वास्तुकार भी कहा जाता है। वे वर्तमान सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया के पिता भी हैं। मस्जिद इस स्थान की प्रतिष्ठित इमारतों में से एक है और यह 1958 में बनकर तैयार हुई थी।


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Kumar Aditya

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