जमुई में पीएम मोदी का दिखा अलग अंदाज, खरताल बजाने का वीडियो वायरल

Narendra Modi tribals

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महान स्वतंत्रता सेनानी और ‘धरती आबा’ भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मनाने के लिए शुक्रवार को बिहार के जमुई पहुंचे। यहां आदिवासी समुदाय उनका स्वागत करने के लिए पहुंचे थे। आदिवासी समाज के लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में झाल, खरताल जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्र बजाते हुए नृत्य किया। यह सब देखकर पीएम मोदी काफी खुश नजर आए।

इतना ही नहीं आदिवासी लोगों की प्रस्तुति को देख प्रधानमंत्री मोदी इतने खुश हो जाते हैं कि वह खुद भी हाथों मे खरताल लेकर बजाने लगे। इसका वीडियो भी सामने आया है।

वीडियो में देखा जा सकता है कि पीएम मोदी हाथ जोड़ते हुए आदिवासियों का अभिनंदन स्वीकार कर आगे बढ़ रहे थे तभी अचानक एक कलाकार से खरताल लेते हैं और खुद बजाने लगते हैं। इस दौरान वह खरताल बजाते हुए झूमते भी हैं। उनका यह अंदाज देखकर प्रस्तुति दे रहे आदिवासी कलाकार काफी प्रसन्न दिखे।

पीएम मोदी का यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है, यूजर्स उनके इस अंदाज पर अलग-अलग रिएक्शन भी दे रहे हैं।

इसके अलावा पीएम मोदी जमुई में जनजातीय गौरव दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में एक प्रदर्शनी में पहुंचे। जहां पर आदिवासी समाज से जुड़े विभिन्न उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा था। ऐसा ही एक स्टॉल था धर्मदुरई जी और एझिलारसी जी का। वे तमिलनाडु के अरियालुर जिले से हैं। वे इरुला जनजाति से हैं। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी संग सेल्फी के लिए कहा और उन्होंने खुशी-खुशी स्वीकार करते उनके साथ सेल्फी भी खींची। इसकी तस्वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

पीएम मोदी ने जमुई में जनजातीय समुदायों के उत्थान और क्षेत्र के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे में सुधार के उद्देश्य से 6,600 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया।

उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस की सभी देशवासियों और खास तौर पर आदिवासी भाई-बहनों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा के 150वीं जयंती के उपलक्ष में उत्सव शुरू हो रहे हैं। ये कार्यक्रम अगले एक साल तक चलेंगे। आज देश के सैकड़ों जिले के एक करोड़ लोग तकनीक के माध्यम से इस कार्यक्रम से सीधे जमुई से जुड़े हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि आदिवासी समाज को इतिहास में उतना स्थान नहीं दिया गया, जिसके वे हकदार थे। इतिहास ने इस समाज के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया है, जिसे दूर करने का यह एक ईमानदार प्रयास है।

उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज ने राजकुमार राम को भगवान राम बनाया। उन्होंने आजादी की लड़ाई में कई बार नेतृत्व किया। मगर उनके इतिहास को मिटाने की कोशिश की गई। इसके पीछे स्वार्थ भरी राजनीति थी। अफसोस है कि भारत की आजादी के लिए एक ही दल (कांग्रेस) को श्रेय दिया गया।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.