प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भागलपुर दौरा एक ओर जहां किसानों के लिए बड़ी सौगात वाला है तो दूसरी ओर यहाँ एनडीए को 59 विधानसभा सीटों पर जीत दिलाने का समीकरण भी सेट होगा. भागलपुर के इलाके को अंग प्रदेश के रूप में जाना जाता है. यहां भाजपा और एनडीए का मजबूत गढ़ रहा है. इतना ही नहीं भागलपुर की पहचान बिहार के लिए आजादी के बाद राज्य में हुए सबसे बड़े हिंदू-मुस्लिम दंगा वाले क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है.
अंग और सीमांचल क्षेत्र के अंतर्गत कुल 59 विधानसभा क्षेत्र हैं. इसमें 40 सीटों पर मौजूदा समय में एनडीए के विधायक हैं. केवल 19 विधानसभा सीटों पर ही पिछले चुनाव में प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों को जीत मिली थी. ऐसे में अंग क्षेत्र को एनडीए का सबसे मजबूत गढ़ भी माना जाता है. उसमें भी भागलपुर जिले में 7 में से 5 सीटों पर एनडीए को जीत मिली थी. वहीं मुंगेर में 2, बांका 4, खगड़िया में 2, लखीसराय में 2, शेखपुरा में 1, जमुई में 4, मधेपुरा में 3, सुपौल में 5, पूर्णिया में 4, कटिहार में 4 और अररिया में 4 विधानसभा सीटों पर एनडीए की जीत हुई थी. वहीं किशनगंज में एक भी सीट एनडीए नहीं जीत पाई थी.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले इस वर्ष पहली बार बिहार आ रहे हैं नरेंद्र मोदी का आगमन भागलपुर होने के पीछे भी एनडीए का यह मजबूत गढ़ बड़ा कारण है. इलसिए माना जा रहा है कि अब यहाँ से 13 जिलों को पीएम मोदी बड़ा संदेश देकर आगामी विधानसभा चुनाव के प्रचार का शंखनाद भी कर रहे हैं.
आज भी मौजूद दंगों का दंश
भागलपुर को देश में सिल्क सिटी के तौर पर जाना जाता है. लेकिन वर्ष 1989 में हुए दंगों ने इसे बिहार में आजादी के बाद हुए सबसे बड़े हिंदू-मुस्लिम दंगों वाला क्षेत्र भी बनाया. रिपोर्टों के अनुसार दंगों में करीब 48 हजार लोग प्रभावित हुए. स्टिस शमसुल हसन और आरएन प्रसाद कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार, दंगे में 1,852 लोग मारे गए थे. 524 लोग घायल हुए थे.11 हजार 500 मकान क्षतिग्रस्त हुए थे. 600 पावर लूम, 1700 हैंडलूम क्षतिग्रस्त हुए थे. यहां तक कि पुलिस पर आरोप लगा कि पुलिस अपराधियों को पकड़ती और उसके आंख को टेकुआ (सुआ) से फोड़ देती थी. बाद में उनकी आँखों में तेजाब डाला जाता जिसे ‘गंगाजल’ कहा जाता. इसी आधार पर एक फिल्म भी बनी थी ‘गंगाजल’. माना गया कि उन्ही दंगों ने बिहार के मुसलमानों का मोह कांग्रेस से तोडा और लालू यादव का एम-वाई (मुस्लिम -यादव) समीकरण बना जिससे वे बिहार में बड़े सियासी सफलता हासिल करते रहे.
विधानसभा चुनाव का शंखनाद
पीएम मोदी का यह दौरा बिहार विधानसभा चुनाव के शंखनाद की तरह है. सीमांचल, कोसी और अंग के इलाके में भागलपुर का पीएम मोदी का संदेश खास प्रभाव डाल सकता है. सीमांचल के जिलों को जहां सर्वाधिक मुस्लिम बहुल इलाकों में माना जाता है, वहीं कई प्रकार की चुनौतियों को झेलते बिहार के इस इलाके में पलायन और पिछड़ापन बड़ी समस्या है. इन तमाम चीजों को चुनाव में भुनाने के एक बड़ी कोशिश अब पीएम मोदी के दौरे से हो सकती है.
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.