प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (3 अक्टूबर) को संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से फोन पर बात की और पश्चिम एशिया की स्थिति समेत कई मुद्दों पर चर्चा की.
इजरायल और चरमपंथी संगठन हमास की बीच चल रही जंग का वाला क्षेत्र पश्चिम एशिया में ही आता है. पिछले 7 अक्टूबर से दोनों पक्षों के बीच जंग चल रही है और हजारों लोग मारे जा जा चुके हैं. इस दौरान दुनिया भारत की तरफ आशा भरी नजरों से देख रही है कि अगर कोई शांति की पहल कर सकता है तो वो भारत ही है.
यूएई के राष्ट्रपति से क्या हुई पीएम मोदी की बात?
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक X हैंडल से एक पोस्ट में बताया, ”पश्चिम एशिया की स्थिति पर मेरे भाई संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ अच्छी बातचीत हुई. हम आतंकवाद, बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और नागरिकों की जान के नुकसान पर गहरी चिंता साझा करते हैं. हम सुरक्षा और मानवीय स्थिति के जल्द समाधान की जरूरत पर पर सहमत हैं और यह कि टिकाऊ क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता सभी के हित में है.”
इजरायल और हमास की जंग पर क्या है भारत का रुख?
भारत लगातार कहता आया है कि वो आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति रखता है. 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल पर हु्आ हमास का घातक हमला दुनिया के कई देशों की नजर में एक आतंकवादी हमला था, भारत ने भी उसे आतंकी हमला माना और जो मौजूदा जंग की वजह भी बना. हमास के हमले की खुले शब्दों में निंदा करने वाले सबसे पहले देशों में से एक भारत था. भारत ने इजरायल का समर्थन किया है.
भारत ने पिछले दिनों (27 अक्टूबर) इजरायल-हमास जंग में संघर्ष विराम की मांग करने वाले संयुक्त राष्ट्र में लाए गए प्रस्ताव पर वोटिंग करने से परहेज किया था क्योंकि उसमें हमास की ओर से किए गए आतंकवादी हमले की स्पष्ट निंदा शामिल नहीं थी.
वहीं, भारत ने पिछले दिनों गाजा के अल-अहली अस्पताल में धमाके में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की थी. उस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने फिलिस्तीन राष्ट्रपति महमूद अब्बास से फोन पर बात की थी और कहा था कि भारत फिलिस्तीन के लोगों के लिए मानवीय सहायता भेजना जारी रखेगा.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, इजरायल और फिलिस्तीन के संबंध में भारत दो राष्ट्र समाधान के पक्ष में है. भारत का रुख है कि इजरायल के साथ मान्यता प्राप्त सीमा के तहत फिलिस्तीन एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र हो और दोनों पक्षों में शांति कायम हो.