बिहार में जहरीली शराब का कहर, सिवान और छपरा में अब तक 24 लोगों की मौत, RJD ने बोला सरकार पर हमला

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बिहार के सिवान में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है। जिले के एसपी अमितेश कुमार ने इसकी पुष्टि की है। वहीं, छपरा में भी जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गई है। सिवान और छपरा में जहरीली शराब पीने से कुल 24 लोगों की जान गई है। करीब 20 से 25 लोगों की अभी भी तबीयत खराब है। इसमें ज्यादातर का इलाज सिवान के सदर अस्पताल में चल रहा है तो कुछ लोगों का इलाज छपरा में चल रही है। जबकि कुछ को पटना रेफर किया गया है।

छपरा में तीन लोग गिरफ्तार, 8 के खिलाफ केस दर्ज

वहीं, छपरा के पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष ने बताया कि मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम का गठन किया गया है। तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। साथ ही स्थानीय चौकीदार और पंचायत बीट पुलिस अधिकारी को भी निलंबित कर दिया गया है। विभागीय कार्रवाई के तहत मशरक थाना के प्रभारी एवं मशरक क्षेत्र के एएलटीएफ प्रभारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता के अनुसार, भगवानपुर थानेदार और भगवानपुर थाने के एएसआई के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

आरजेडी ने सरकार पर बोला हमला

जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत को लेकर विपक्ष ने सरकार की आलोचना की है। आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि जहरीली शराब पीने से लोगों की जान गई है। यह बहुत दुखद और चिंता का विषय है कि शराबबंदी कानून होने के बावजूद बिहार में जहरीली शराब हर बार देखने को मिलती है कि किस तरह जहरीली शराब से लोगों की मौत होती है।

तिवारी ने आरोप लगाया कि शराब माफियाओं को सरकार का संरक्षण है और जब तक उन्हें सरकार का संरक्षण है। शराबबंदी लागू है लेकिनम कानून का उल्लंघन हो रहा है। एनडीए सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है। शराबबंदी कानून लागू होने पर इस तरह से नकली शराब कैसे मिल रही है?

आंख की रोशनी भी गायब

जहरीली शराब पीने से कई लोगों की तबीयत भी बिगड़ गई। सिवान और छपरा के सरकारी अस्पताल में कई लोगों को भर्ती करवाया गया है। मृतकों में से एक के रिश्तेदार ने कहा कि 15 अक्टूबर को शराब पीने के बाद उनके रिश्तेदार की तबीयत खराब हो गई थी। 15 अक्टूबर को शराब पी थी और कल शाम को उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। उन्हें कुछ दिखाई नहीं दे रहा था उसके बाद हम उन्हें अस्पताल ले आए।