महाराष्ट्र के पुणे में पोर्श कार हिट एंड रन केस में अब नाबालिग आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उन पर ड्राइवर को धमकाने का आरोप है. पुलिस के मुताबिक सुरेंद्र अग्रवाल ने ड्राइवर गंगाराम को धमकी दी थी और अपने बेटे विशाल अग्रवाल और बहू के साथ मिलकर उन्हें बयान देने के लिए मजबूर किया था कि दुर्घटना के दौरान वो कार चला रहे थे. क्राइम ब्रांच की टीम ने सुरेंद्र अग्रवाल को शनिवार की सुबह करीब 3 बजे उनके घर से गिरफ्तार किया है.
पुणे क्राइम ब्रांच ने ड्राइवर गंगाराम की शिकायत पर अपहरण, मारपीट और धमकी देने के आरोप में सुरेंद्र अग्रवाल के खिलाफ गिरफ्तारी की ये कार्रवाई की है. उसने शिकायत की थी कि सुरेंद्र अग्रवाल और उसके लोगों ने उसका अपहरण कर लिया था और उसके साथ मारपीट की थी और पोर्श कार चलाने का दोष लेने की धमकी दी थी.
बता दें कि आरोपी के परिवार की तरफ से ये बताने का प्रयास किया गया था कि घटना के समय नाबालिग गाड़ी नहीं चला रहा था. उसकी जगह कोई और गाड़ी चला रहा था. सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद एक अधिकारी ने कहा था कि हम ड्राइवर पर सबूतों को नष्ट करने के लिए एफआईआर में धारा 201 जोड़ने रहे हैं. हम इसका भी पता लागएंगे कि ड्राइवर ने किसी दबाव में स्टेटमेंट दिया था.
पुणे पोर्श कांड मामले में जांच के दौरान इस मामले में लापरवाही की परतें खुलती जा रही है. पुलिस ने शुरू से ही इस मामले में लापरवाही की थी जिसके बाद अब तक दो पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई हुई है. यह वही दोनों अफसर हैं, जो घटना के तुरंत बाद मौके पर पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने सीनियर्स और कंट्रोल रूम में मामले में जानकारी नहीं दी थी. येरवडा पुलिस स्टेशन के इन दोनों पुलिस अफसरों को पुणे आयुक्त ने निलंबित कर दिया है.
19 मई को हुई इस कार दुर्घटना के बारे में सीनियर्स को समय पर सूचित नहीं करने के लिए पुलिस निरीक्षक राहुल जगदाले और एपीआई विश्वनाथ टोडकरी को निलंबित कर दिया गया था. हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई. इस घटना के 14 घंटे बाद आरोपी नाबालिग को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में उसकी जमानत को रद्द कर दिया गया था.