बिहार में अपराधियों में खौफ पैदा करने और आपराधिक वारदातों पर नियंत्रण को लेकर पुलिस की गश्त बढ़ायी जाएगी। आबादी वाले इलाकों में गली-गली और मुख्य सड़कों पर पुलिस आपराधिक तत्वों पर नजर रखेगी और तत्काल कार्रवाई करेगी।
शनिवार को ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में विधि-व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा के क्रम में पुलिस गश्ती तेज करने, गश्ती व्यवस्था की निगरानी करने, रात्रि एवं पैदल गश्ती को प्रभावी बनाने और रात्रि गश्ती का औचक निरीक्षण करने सहित विस्तृत निर्देश दिये हैं। मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा द्वारा अपराधियों में खौफ पैदा करने व आपराधिक घटनाओं पर नियंत्रण स्थापित करने के दिशा-निर्देश को अमल में लाने की तैयारी की गई है।
जानकारी के अनुसार, पुलिस मुख्यालय ने निर्देश दिया है कि पुलिस थानों और आपातकालीन सहायता प्रणाली (इमरजेंसी रिस्पांश सपोर्ट सिस्टम- ईआरएसएस) दोनों में उपयोग किए जा रहे पुलिस वाहनों का गश्ती में उपयोग किया जाएगा।
बिहार में कुल थानों की संख्या 1212 थी। राज्य में 84 पुलिस आउटपोस्ट (ओपी) को थाना में परिवर्तित करने के बाद अब 1296 थाने हो गये हैं। इन सभी थानों के पास पहले से वाहन उपलब्ध हैं। वहीं, दूसरी ओर, राज्य में ईआरएसएस के तहत 1833 वाहनों का भी गश्ती में इस्तेमाल करने को कहा गया है। इस प्रकार, राज्य में तीन हजार से अधिक वाहनों का उपयोग गश्ती में किया जाएगा।
550 बाइक से लगाएंगे गश्त
पुलिस मुख्यालय के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, राज्य के तंग एवं संकरी गलियों में 550 बाइक से गश्ती की जाएगी। इससे अपराधियों पर दवाब बनाने में आसानी होगी। पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर सभी गश्ती वाहनों को अत्याधुनिक जीपीएस सिस्टम से जोड़ा जाएगा। ताकि, इन पर निगरानी की जा सके। इसके साथ ही, औचक निरीक्षण करने का भी निर्देश पुलिस पदाधिकारियों को दिया गया है।