राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में बंपर जीत हासिल कर के बहुमत प्राप्त करने वाली भारतीय जनता पार्टी अब तक मुख्यमंत्री का नाम फाइनल नहीं कर पाई है। माना जा रहा है कि राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के बीच सीएम के पद को लेकर ठनी हुई है। इसी कारण सीएम के नाम में देरी हो रही है। ऐसे में बड़ी खबर सामने आई है कि तिजारा सीट से विधायक और पार्टी के पूर्व सांसद बाबा बालकनाथ ने दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है। इस मुलाकात ने राजस्थान की सियासत में एक बार फिर से बड़ी हलचल पैदा कर दी है।
सीएम पद की रेस में हैं बालकनाथ
बाबा बालकनाथ राजस्थान की अलवर सीट से लोकसभा सांसद हैं। भाजपा ने उन्हें राजस्थान विधानसभा चुनाव में तिजाका सीट से मैदान में उतारा था। इस सीट से जीत हासिल कर के वह विधायक बने हैं।बालकनाथ की जीत के बाद से ही राज्य में सीएम पद के लिए वह मजबूत दावेदार बने हुए हैं। ऐसा माना जा रहा था कि बालकनाथ सीएम पद की रेस से बाहर हो गए हैं लेकिन सांसदी से इस्तीफा देते ही एक बार फिर से सीएम पद के लिए उनका नाम सामने आने लगा है। सीएम पद की दावेदारी पर बाबा बालकनाथ ने कहा है कि पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगी उसे वह निभाने के लिए तैयार हैं।
वसुंधरा ने भी की थी मुलाकात
राजस्थान में सीएम पद को लेकर जारी कयासों के बीच पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भी गुरुवार को जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। पूरे दिन भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ वसुंधरा की मुलाकात टल रही थी। हालांकि, रात होने तक जेपी नड्डा ने उन्हें मिलने का समय दे दिया। वसुंधरा राजे अपने बेटे लोकसभा सांसद दुष्यंत सिंह के साथ जेपी नड्डा से मिलने पहुंची थी। बता दें कि दुष्यंत सिंह पर वसुंधरा के लिए विधायकों की गोलबंदी का आरोप लग रहा है। माना जा रहा है कि इस मामले में वसुंधरा ने अपनी सफाई दे दी है।
राजस्थान के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त
राजस्थान में जारी सियासी हलचल के बीच भारतीय जनता पार्टी ने राज्य के लिए पर्यवेक्षकों के नाम का ऐलान कर दिया है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडे को आज ही राजस्थान भेजा जाएगा। इसके बाद कल और परसों यानी 9 और 10 दिसंबर को विधायक दल की मीटिंग हो सकती है। इसके बाद 10 दिसंबर को सीएम के नाम पर मुहर लग जाएगी।