लेटरल एंट्री के जरिए सरकारी पदों पर नियुक्ति के मामले पर एक तरफ जहां एनडीए के भीतर विरोध के स्वार उठ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश शुरू कर दी है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे बीजेपी की साजिश करार दिया है और कहा है कि बीजेपी और एनडीए आरक्षण को खत्म करने की कोशिश कर रही है।
तेजस्वी ने कहा कि हम तो शुरू दिन से ही कह रहे हैं कि ये लोग चाहते ही नहीं हैं कि दलित और आदिवासी सचिवालय में बैठे बल्कि ये चाहते हैं कि दलित और आदिवासी शौचालय में बैठें। ये लोग आरक्षण विरोधी हैं और कभी भी नहीं चाहते हैं कि समाज में जो पिछड़ापन और गरीबी है वह खत्म हो। ये कभी नहीं चाहेंगे कि समाज में जो लोग पिछली सीट पर बैठे हैं वह आगे आएं।
उन्होंने कहा कि इससे तो स्पष्ट हो गया है कि बीजेपी और एनडीए के लोग आरक्षण को समाप्त कर रहे हैं। हम लोग लगातार आवाज उठा रहे हैं लेकिन ये लोग बिहार का जो आरक्षण है उसे 9वीं सूची में शामिल नहीं कर रहे हैं। ये पूरी तरह से नाइंसाफी हो रही है। हमने सबसे पहले इस मुद्दे को उठाया था। इसका हमलोग पुरजोर विरोध करेंगे और किसी भी कीमत पर इसे नहीं चलने देंगे।