मुंबई में प्रदूषण खतरे के निशान से ऊपर ने उड़ाई बीएमसी की नींद, एंटी स्मॉग गन लगाने सहित जारी किए गाइडलाइन
पिछले एक हफ्ते से महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. यह लगातार दूसरा साल है, जब मुंबई में हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में जाती नजर आ रही है. इसका मुख्य कारण यहां हो रहे निर्माण कार्य हैं. मुंबई शहर में लगातार ब्रिज, मेट्रो फ्लाईओवर बन रहे हैं. कंस्ट्रक्शन से निकलने वाली धूल शहर में प्रदूषण का स्तर बढ़ा रहे हैं.
मुंबई में फिलहाल 6,000 स्थानों पर निर्माण कार्य चल रहा है. इस बीच शहर में बढ़ते प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए बीएमसी ने एंटी स्मॉग गन खरीदने का विचार किया है. वहीं, बढ़ते प्रदूषण के साथ मुंबई के लोगों का स्वस्थ्य भी खतरे में है.
अस्थमा से पीड़ित लोगों को परेशानी
जेजे हॉस्पिटल के मेडिसिन एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर विनायक सवारडेकर ने बताया, “फिलहाल मुंबई में प्रदूषण के कारण आम लोगों को ज्यादा परेशानी नहीं हो रही है, लेकिन जो लोग अस्थमा से पीड़ित हैं या जिन्हें एचबी (HB) या सांस की बीमारी है उनके लिए खतरा है. इसलिए ऐसे लोग मास्क पहनें और खुदका बचाव करें.”
शहर के इलाकों का कितना है एआईक्यू
- मुंबई शहर – 132 AQI
- माजगांव – 337 AQI
- वर्ली – 140 AQI
- कोलाबा – 109 AQI
- अंधेरी – 557 AQI
- नवी मुंबई – 308 AQI
- बीकेसी – 162 AQI
बीएमसी की समीक्षा बैठक
बीएमसी के आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने शुक्रवार (20 अक्टूबर) को समीक्षा बैठक की. जिसमें बताया गया कि मुंबई में फिलहाल 6,000 स्थानों पर निर्माण कार्य चल रहा है. बता दें कि नए गाइडलाइन के मुताबिक धूल और प्रदूषण नियंत्रण के उपाय नहीं किए जाने पर निजी के साथ-साथ सरकारी निर्माण भी बंद कर दिए जाएंगे.
धूल से बचाव के लिए निर्माणाधीन भवनों के स्थानों को 35 फीट ऊंची चादरों से घेरना अनिवार्य होगा. सभी निर्माण स्थलों पर 15 दिन के अंदर स्प्रिंकलर और एक महीने के अंदर स्मॉग गन सिस्टम लगाने के निर्देश दिए गए. शहर के 50 से 60 सड़कों पर सुबह स्मॉग गन से सूक्ष्म छिड़काव किया जाएगा.
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