गरीब मां ने मजदूरी कर बेटे को बनाया IAS, जानिए राजस्थान के हेमंत की सफलता की कहानी

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हिम्मत करो और मेहनत भी तो हर सपने साकार होते हैं। एक वक्त अपना भी आता है जब आपकी कामयाबी से अपने भी खुश हो जाते हैं। राजस्थान के हेमंत पारीक ने यूपीएससी सीएसई 2023 में अच्छे अंकों से परीक्षा पास कर राजस्थान का नाम रोशन किया है।

बिना कोचिंग की तैयारी

बीरान तहसील भादरा जिला हनुमानगढ़, राजस्थान निवासी हेमंत पारीक की मां मनरेगा में मजदूरी कर घर चलाती वहीं पिता स्थानीय पुजारी थे। ऐसे में हेमंत ने कॉलेज के दिनों से ही यूपीएससी क्रैक करने की ठानी। हालांकि पैसों की तंगी की वजह से उन्होंने कोचिंग नहीं ली, लेकिन कॉलेज के शिक्षकों ने मार्गदर्शन किया।

अंग्रेजी विषय में फेल भी हुए

हेमंत की अंग्रेजी काफी कमजोर थी, जिस वजह से वे डिप्लोमा इन इलीमेंटरी एजुकेशन के कोर्स में फेल हो गए। दरअसल, उनकी अंग्रेजी कमजोर थी जिस वजह से कम नंबर आए थे। ऐसे में उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि यूपीएससी में अंग्रेजी सब्जेक्ट में पास कैसे हों। हेमंत के दोस्तों ने हर कदम पर उनका सहयोग किया, जिस वजह से वे एसकेएन कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर से स्नातक की पढ़ाई कर पाएं।

UPSC के पहले अटेंम्ट में निकाला प्रीलिम्स

राजस्थान के हेमंत ने यूपीएससी के पहले अटेंप्ट में ही प्रिलिम्स क्लीयर कर लिया लेकिन कम नंबर की वजह से वे मेन्स में नहीं बैठ पाएं। जिसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। लगातार मेहनत के बाद 2023 यूपीएसई में दूसरे अटेंप्ट में ऑल इंडिया 884 रैंक हासिल किया।

मनरेगा ऑफिसर ने मां का काट लिया वेतन फिर ऐसे बदली जिंदगी

हेमंत ने एक इंटरव्यू में बताया कि मेरी मां मनरेगा में मजदूरी करती थी। एक दिन उनके वेतन को लेकर मनरेगा ऑफिसर में बहस हो गई। दरअसल, ऑफिसर ने उनकी मां का वेतन काट लिया। इसके बाद हेमंत को दिल से बहुत बुरा लगा। तब उन्हें कलेक्टर शब्द का मतलब व उसकी ताकत का अहसास हुआ। उसी दिन उन्होंने प्रण लिया कि मैं एक दिन डीएम बनकर रहूंगा।

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