पटना में आयोजित विपक्षी एकता की बैठक के बाद से बिहार की राजनीति में बहुत तेजी से बदलाव हो रहा है. ऐसा लग रहा है मानो बिहार की राजनीति में बहुत बड़ा भूचाल आने वाला है. जुलाई महीना आते ही एक बार फिर से कयास लगाया जाने लगा है कि बिहार में बहुत जल्द सत्ता परिवर्तन होने वाला है।
सूत्रों की माने तो केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा बिहार में सत्ता परिवर्तन को लेकर रूपरेखा तैयार की जा चुकी है. यही कारण है कि लैंड फोर जॉब स्कैम मामले में सीबीआई द्वारा बिहार के डिप्टी सीएम के ऊपर चार्जशीट दायर किया गया है. बिहार की राजनीति पर पकड़ रखने वाले लोग जानते हैं कि भ्रष्टाचार मामले में नीतीश कुमार कोई समझौता नहीं करते हैं।
इधर, बीजेपी के नेताओं ने महा गठबंधन सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है कि नीतीश कुमार तेजस्वी के सामने झुक गए हैं. जिस आदमी पर घोटाले का आरोप है, सीबीआई द्वारा चार्ज शीट जमा किया जा चुका है उस आदमी को आखिर बिहार सरकार में अब तक मंत्री बनाकर क्यों रखा गया है, अब तक उन्हें बर्खास्त क्यों नहीं किया गया।
हालांकि जदयू के तरफ से मोर्चा संभालते हुए वित्त मंत्री विजय चौधरी ने बीजेपी के नेताओं द्वारा लगाए गए सभी आरोपों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि पटना में विपक्षी एकता को लेकर जो सफल बैठक आयोजित की गई थी उससे बीजेपी वाले बौखला गए हैं. अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सत्ता जानी लगभग तय है. यही कारण है कि तेजस्वी यादव पर जबरन चार्जशीट दाखिल करवाया गया है।
दूसरी ओर आज बिहार की राजनीति में कुछ ऐसा हुआ जो अप्रत्याशित था. जदयू के राज्यसभा सांसद और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश पटना पहुंचे और नीतीश कुमार से लगभग 1 घंटे तक मुलाकात की. हरिवंश के बारे में कहा जाता है कि वे पीएम नरेंद्र मोदी के खासम खास दोस्तों में से एक हैं. सूत्रों का कहना है कि हरिवंश सीएम नीतीश कुमार के पास पीएम मोदी का संदेशा लेकर आए थे. पीएम मोदी चाहते हैं कि नीतीश कुमार वापस एनडीए गठबंधन के साथ आ जाएं. हालांकि सुशील मोदी साफ कर चुके हैं कि अब बीजेपी का दरवाजा नीतीश कुमार के लिए हमेशा हमेशा के लिए बंद हो चुका है।
हरिवंश और सीएम नीतीश कुमार की मुलाकात पर बिहार सरकार की मंत्री लेसी सिंह ने कहा कि साधारण सी बात है. हैरान होने वाली कोई बात नहीं है. हरिवंश जी जब भी पटना आते हैं तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जरूर मिलते हैं. वे हमारे पार्टी के सांसद हैं।
बताते चलें कि कुछ महीनों पहले प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि अभी भी नीतीश कुमार बीजेपी के संपर्क में हैं. हरिवंश के माध्यम से उनके और पीएम मोदी के बीच बातचीत होती है. ऐसा नहीं है तो जदयू सांसद होने के बाद भी हरिवंश ने अब तक राज्यसभा के उपसभापति पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया।
बाहर हाल यह देखना दिलचस्प होगा कि बिहार की राजनीति में अगले 10 से 15 दिनों में क्या कुछ होता है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष सभी लोग चुनावी एक्शन मोड में आ चुके हैं।