भारत ने पिछले कुछ सालों में एथलेटिक्स में काफी शानदार प्रदर्शन किया है। यही कारण हैं कि भारतीय एथलीट इंटरनेशनल मंचों पर कई मेडल जीत रहे हैं। लगभग हर टूर्नामेंट में भारत ने अपने मेडलों की संख्या में इजाफा किया है, लेकिन इसी बीच एक एथलीट ने अचानक से एक डोप टेस्ट को फेल कर गया जिसके कारण भारत के दो गोल्ड मेडल छिन सकते हैं। हाल ही में हांगझोउ एशियाई पैरा खेलों में भारत ने शानदार प्रदर्शन किया था, जहां भारत ने पैरा एथलीट नीरज यादव ने दो गोल्ड मेडल जीते थे। लेकिन नीरज नाडा द्वारा किए गए डोप टेस्ट को पास नहीं कर सके।
कब हुआ का टेस्ट
नाडा द्वारा एक महाद्वीपीय टूर्नामेंट से कुछ दिन पहले किए गए डोप टेस्ट ने पता चला कि हांगझोउ रवाना होने से छह दिन पहले बेंगलुरु में टूर्नामेंट के इतर की गई जांच में नीरज यादव एनाबोलिक स्टेराइड के लिए पॉजिटिव पाए गए। अगर नाडा पैनल उन्हें डोपिंग का दोषी पाता है तो एफ55 जैवलिन थ्रो और चक्का फेंक इवेंट में जीते गए दोनों गोल्ड मेडल को गंवाना पड़ेगा। जिसके कारण भारत मेडल तालिका में पांचवें स्थान से खिसककर छठे स्थान पर पहुंच जाएगा। वहीं इंडोनेशिया पांचवें स्थान पर पहुंच जाएगा।
भारत को हो सकता है बड़ा नुकसान
एशियन पैरा गेम्स में भारत ने 29 गोल्ड, 31 सिल्वर और 51 ब्रॉज मेडल जीते थे जबकि इंडोनेशिया के 29 गोल्ड, 30 सिल्वर और 36 ब्रॉज मेडल थे। यादव के दो गोल्ड मेडल गंवाने से भारत के गोल्ड मेडल की संख्या 27 हो जाएगी। भारतीय पैरालंपकि समिति (पीसीआई) के एथलेटिक्स मुख्य कोच एस सत्यनारायण ने बेंगलुरु से पीटीआई से कहा कि हमने नाडा को लिखा है कि यह नमूना शायद उनका नहीं हो। या फिर नमूने के साथ छेड़छाड़ हो सकता है। हमें डोपिंग के नियमों के उल्लघंन के बारे में 13 नवंबर को पता चला और उनके पास मामला पेश करने के लिए सात दिन का समय है। इसलिए उनके मामले की सुनवाई 21 नवंबर को होगी।
नीरज ने कुछ नहीं कहा
नीरज यादव ने इस मामले को लेकर कोई भी बयान नहीं दिया। सत्यनारायण ने स्वीकार किया कि अगर यादव नाडा पैनल द्वारा दोषी पाए जाते हैं तो भारत उनके जीते हुए दो गोल्ड मेडल गंवा देगा। उन्होंने कहा कि हम उनके नमूने छोड़छाड़ होने या फिर यह उनका नहीं होने की बात इसलिए कह रहे हैं क्योंकि हमने हांगझोउ में उनकी दो बार जांच की थी और हमने अभी तक एशियाई पैरा खेलों के नमूनों में डोपिंग पॉजिटिव के बारे में नहीं सुना।