एमपी के सभी जिला चिकित्सालयों में 17 सितंबर से शुरू होंगे प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र
मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज (मंगलवार) से शुरू हो रहे स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा 2024 के पहले दिन सभी जिला चिकित्सालयों में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों के संचालन का शुभारंभ करने वाले हैं। यह कदम प्रदेश के नागरिकों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराने का महत्वपूर्ण प्रयास है। चिकित्सालयों में जन औषधि केंद्र का शुभारम्भ, स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम के रूप में देखा जा सकता है। इसके अतिरिक्त स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा 2024 के पहले दिन प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में देश के 4 लाख आवासों का गृह प्रवेश कार्यक्रम होगा। इनमें मध्यप्रदेश के 51 हजार आवासों में गृह प्रवेश होगा। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2-0 का शुभारंभ तथा पीएम स्वनिधि अंतर्गत पीआरएआईएसई अवार्ड वितरित किये जायेंगे।
पूरे देश में सस्ती दवाइयों की पहुंच को व्यापक बनाना है उद्देश्य
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र परियोजना का शुभारंभ वर्ष 2008 में सस्ती और गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किया गया था। वर्ष 2015 के बाद से इस योजना में और गति आयी। इसका उद्देश्य पूरे देश में सस्ती दवाइयों की पहुंच को व्यापक बनाना था। वर्तमान में इस परियोजना में देश में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोले जा रहे हैं, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोग सस्ती जेनेरिक दवाओं का लाभ उठा सकें।
मध्य प्रदेश में 500 से अधिक जन औषधि केंद्र
बता दें इस समय मध्य प्रदेश में 500 से अधिक जन औषधि केंद्र कार्यरत हैं, जो प्रदेश के विभिन्न जिलों में संचालित हैं। ये केंद्र शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में स्थापित किए गए हैं, जिससे सभी नागरिकों को सस्ती दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। इन केंद्रों के माध्यम से प्रतिदिन हजारों लोग सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां खरीद रहे हैं। उनके मासिक चिकित्सा खर्चों में बड़ी बचत हो रही है। अब सभी ज़िला चिकित्सालयों में भी प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोले जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के लाभ
- सभी को सस्ती दरों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराना मुख्य उद्देश्य है। मरीजों को ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50% से 90% तक कम दाम पर दवाइयां उपलब्ध होंगी।
- ग्रामीण और शहरी परिवारों को सस्ती दवाइयां मिलेंगी। मासिक चिकित्सा खर्चों में बड़ी बचत होगी। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगी।
- सस्ती और सुलभ दवाओं के माध्यम से लोग अपने उपचार को निरंतर जारी रख सकेंगे, जिससे स्वास्थ्य परिणामों में सुधार होगा। विशेष रूप से मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों के प्रबंधन में यह केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
- प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के माध्यम से जेनेरिक दवाओं की गुणवत्ता और प्रभावशीलता को लेकर जागरूकता बढ़ेगी, जिससे लोग ब्रांडेड दवाओं पर निर्भरता कम करेंगे और सस्ती जेनेरिक दवाओं को अपनाएंगे।
- स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। प्रत्येक केंद्र के चालन के लिए फार्मासिस्ट और अन्य कर्मचारी आवश्यक होंगे, जिससे राज्य में नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
- प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र राज्य में सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता किए जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह केंद्र प्रदेश के नागरिकों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां उपलब्ध कराकर उनकी चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगा।
51 हजार प्रधानमंत्री आवासों का गृह प्रवेश
स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा 2024 के पहले दिन इसी स्थान पर प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में देश के 4 लाख आवासों का गृह प्रवेश कार्यक्रम होगा। इनमें मध्यप्रदेश के 51 हजार आवासों में गृह प्रवेश होगा। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2-0 का शुभारंभ तथा पीएम स्वनिधि अंतर्गत पीआरएआईएसई अवार्ड भी वितरित किये जायेंगे।
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