बिहार में अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने की कोशिश में लगे प्रशांत किशोर को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने जन सुराज पार्टी की याचिका पर सुनवाई करने से ही इंकार कर दिया. जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने जन सुराज पार्टी की याचिका को खारिज किया.
उप चुनाव की तारीख बढ़ाने की मांग थी
दरअसल, प्रशांत किशोर की पार्टी ने बिहार में 13 नवंबर को होने वाले उप चुनाव की तारीखों को आगे बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया था. जन सुराज पार्टी की ओर से दाखिल की गई याचिका में छठ पूजा का हवाला देते हुए बिहार में भी उप चुनाव की तारीख को 13 से बढ़कर 20 नवंबर किए जाने की मांग की गयी थी.
इससे पहले जन सुराज पार्टी ने चुनाव आयोग से मांग की थी कि बिहार में उप चुनाव की तारीख आगे बढ़ाया जाये. चुनाव आयोग ने जब इस मांग को खारिज कर दिया तो प्रशांत किशोर की पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दाखिल की थी.
सोमवार को जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की. जन सुराज पार्टी की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील ने कहा कि चुनाव आयोग ने दूसरे राज्यों में पर्व-त्योहारों को लेकर चुनाव की तारीखों में परिवर्तन किया है. जन सुराज पार्टी की ओर से कहा गया कि चुनाव आयोग ने पंजाब, केरल और उत्तर प्रदेश की 14 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव की तारीखों में बदलाव करने का ऐलान किया है. बड़े पैमाने पर सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों का हवाला देते हुए चुनाव आयोग ने इन विधानसभा क्षेत्रों में मतदान 13 नवंबर की बजाय 20 नवंबर को कराने का ऐलान किया है.
जन सुराज पार्टी की ओर से कोर्ट में कहा गया कि छठ बिहार का सबसे बड़ा पर्व है. इसके कारण कई दिनों तक सारी गतिविधियां बंद रहती है. पार्टियों को सही से प्रचार करने का मौका भी नहीं मिल पाता. लिहाजा बिहार में भी 20 नवंबर को उप चुनाव होने चाहिये. लेकिन कोर्ट ने जन सुराज पार्टी की दलीलों को नहीं माना और याचिका को खारिज कर दिया है.