पटना के कुम्हरार स्थित बापू परीक्षा केंद्र में 13 दिसंबर को ली गई 70वीं BPSC पीटी परीक्षा को रद्द किये जाने के बाद 4 जनवरी को पटना के 22 परीक्षा केंद्र पर पुनर्परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसकी तैयारी जिला प्रशासन ने पूरी कर ली है। शनिवार को अब पटना में री एग्जाम लिया जाएगा।
वही पूरी BPSC 70वीं परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थी गर्दनीबाग में धरना पर बैठे हैं और भूख हड़ताल कर आंदोलन कर रहे है। गुरुवार को बीपीएससी अभ्यर्थियों का हुजूम एक बार फिर पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान पहुंचा। जहां अभ्यर्थियों के साथ जनसुराज के प्रशांत किशोर बापू की प्रतिमा के पास आमरण अनशन पर बैठे हैं और पूरी परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा कि जब तक छात्रों को न्याय नहीं मिलेगा तब तब हम यहां अनशन पर बैठेंगे। बीपीएससी अभ्यर्थी री एग्जाम की मांग कर रहे हैं। कपकपाती ठंड में भी ये लोग अपनी 5 सूत्री मांगों को लेकर गांधी मैदान में बापू की प्रतिमा के पास अनशन पर बैठ गये है। सरकार और आयोग के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। पहली मांग 70 वीं बीपीएससी परीक्षा में हुई अनियमितता और भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच और पुनर्परीक्षा कराई जाए। 2015 में सात निश्चय के तहत किए वादे के अनुसार 18 से 35 साल के हर बेरोजगार युवा को बेरोजगारी भत्ता दिया जाए। पिछले 10 वर्षों में प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई अनियमितताओं और पेपर लीक की जांच एवं दोषियों पर की गई कार्रवाई पर शोक पत्र जारी किया जाए। लोकतंत्र की जननी बिहार को लाठी तंत्र बनाने वाले दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए और बिहार की सरकारी नौकरियों में बिहार के युवाओं की कम से कम दो तिहाई हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए डोमिसाइल नीति लागू की जाए।
बता दें कि इससे पहले रविवार 29 दिसंबर को प्रशांत किशोर BPSC अभ्यर्थियों के साथ गांधी मैदान में धरना-प्रदर्शन करने पहुंचे थे। लेकिन शाम होते ही पटना के जेपी गोलंबर पर बैरिकेडिंग तोड़ अभ्यर्थी सीएम आवास की ओर बढ़ने की कोशिश करने लगे। जिसके बाद अभ्यर्थियों पर पुलिस ने पहले वाटर कैनन से पानी बौछार की लेकिन छात्र हटना को तैयार नहीं थे तब पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। जिससे मौके पर अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी।
जिसके बाद पुलिस ने जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर और पार्टी के अध्यक्ष मनोज भारती के साथ साथ कई अन्य नेताओं और कोचिंग संचालकों को ख़िलाफ़ FIR दर्ज किया था। जिन लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया उनमें प्रशांत किशोर, मनोज भारती (अध्यक्ष जन सुराज पार्टी), पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा, कोचिंग संचालक रह्मांशु मिश्रा , आर के मिश्रा,, निखिल मणि तिवारी, सुजीत कुमार और प्रशांत किशोर के दो बाउंसर शामिल है.
जिला प्रशासन की ओर से इस मामले में FIR दर्ज किये जाने की जानकारी दी गयी थी। प्रशासन की ओर से कहा गया था कि 29.12.2024 की शाम 05:30 बजे जन सुराज पार्टी द्वारा गांधी मैदान, गांधी मूर्ति के सामने छात्र संसद के आयोजन हेतु सूचना दी गई थी जिसे जिला प्रशासन, पटना द्वारा नियमानुसार अस्वीकृत करते हुए आवेदक को ससमय सूचित कर दिया गया था. फिर दिनांक 29.12.2024 को इस पार्टी के द्वारा गांधी मूर्ति के समीप अनधिकृत रूप से लोगों की भीड़ इकट्ठा कर उन्हें उकसाया गया तथा विधि–व्यवस्था की समस्या उत्पन्न की गई.
प्रशासन ने कहा है की इसके बाद प्रशांत किशोर और उनके सहयोगियों द्वारा प्रदर्शनकारियों के साथ जेपी गोलंबर तक बिना अनुमति के जुलूस निकाला गया और सड़क जाम कर दिया गया. वहां पर कर्तव्य पर मुस्तैद दण्डाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों के साथ धक्का–मुक्की भी की गई. साथ ही इन लोगों के द्वारा भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन द्वारा लगाए गए लाउड स्पीकर को भी क्षतिग्रस्त किया गया. प्रशासन द्वारा बार–बार अनुरोध के बाद भी इन लोगों के द्वारा प्रशासन के दिशा–निदेशों का उल्लंघन करते हुए लोक व्यवस्था भंग किया गया.
प्रशासन के मुताबिक़ अंत में लगभग 100 की संख्या में लोग जेपी गोलंबर से हटने को तैयार नहीं थे. अतः प्रशासन द्वारा पानी की बौछार और हल्का बल प्रयोग कर इन्हें हटाया गया तथा स्थिति को सामान्य किया गया. अनधिकृत रूप से भीड़ को इकट्ठा करने, लोगों को उकसाने तथा विधि–व्यवस्था की समस्या उत्पन्न करने के आरोप में 21 नामजद एवं 600 से 700 अज्ञात लोगों के विरुद्ध गांधी मैदान थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है. कानून-व्यवस्था को भंग करने के विरुद्ध सख़्त कार्यवायी की जाएगी.