प्रतिबंधित क्षेत्र में आमरण अनशन करने के मामले में गिरफ्तार हुए जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को लेकर राजधानी पटना में लगातार गहमागहमी बनी हुई है। पुलिस ने पीके को गिरफ्तार करने के बाद पटना सीविल कोर्ट में पेश किया, जहां कोर्ट ने 25 हजार के बेल बॉन्ड पर उन्हें शर्तों के साथ जमानत दे दी लेकिन बेल मिलने के बावजूद पुलिस प्रशांत किशोर को जेल भेजने की तैयारी कर रही है।
दरअसल, बीपीएससी परीक्षा को रद्द कराने के लिए गांधी मैदान में पिछले दो जनवरी से प्रशांत किशोर पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे हुए थे। प्रतिबंधित क्षेत्र में आमरण अनशन कर रहे प्रशांत किशोर को पटना के जिला प्रशासन ने कई बार हिदायत दी कि अगर उन्हें धरना ही देना है तो वह हाई कोर्ट द्वारा निर्धारित स्थल गर्दनीबाग में जाकर आमरण अनशन करें। जिला प्रशासन की तरफ से नोटिस जारी किए जाने के बाद भी पीके अपनी जिद्द पर अड़े रहे।
आखिरकार जिला प्रशासन के निर्देश पर पटना पुलिस ने 6 जनवरी की सुबह सुबह प्रशांत किशोर को गांधी मैदान से गिरफ्तार कर लिया। पीके को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उनका मेडिकल टेस्ट कराने के बाद उन्हें पटना सीविल कोर्ट के समक्ष पेश किया, जहां कोर्ट ने 25 हजार के बेल बॉन्ड पर शर्तों के साथ जमानत दे दी। कोर्ट ने शर्त रखी कि प्रशांत किशोर अब दोबारा से प्रतिबंधित क्षेत्र में धरना प्रदर्शन नहीं करेंगे हालांकि अब वह कोर्ट के शर्त को मानने से इनकार कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, पीके ने खुद कोर्ट में वकील की तरह जज के सामने बहस की। खुद प्रशांत किशोर के वकील शिवानंद गिरि ने कहा है कि कोर्ट ने प्रशांत किशोर को जमानत दे दी है। हमने कोर्ट में पक्ष रखा था लेकिन कोर्ट ने कंडीशनल बेल दी है। प्रशांत किशोर को शर्त पर जमानत दी गई है कि वह भविष्य में प्रतिबंधित क्षेत्र में किसी तरह का कोई धरना प्रदर्शन या सरकार के खिलाफ कोई प्रोटेस्ट नहीं करेंगे या विधि व्यवस्था की समस्या पैदा नहीं करेंगे लेकिन प्रशांत किशोर इसके लिए तैयार नहीं हैं। बता दें कि प्रशांत किशोर अब भी कोर्ट में बैठे हुए हैं, वकीलों की तरफ से उन्हें समझाया जा रहा है। अगर प्रशांत किशोर कंडीशनल बेल बॉन्ड नहीं भरते हैं तो उन्हें जेल जाना होगा।