पटना: जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस और जन सुराज में गठजोड़ की चल रही अफवाहों पर विराम लगाते हुए साफ कहा कि आजादी के पहले की कांग्रेस किसी परिवार या व्यक्ति विशेष की पार्टी नहीं थी और जन सुराज उसी व्यवस्था को पुर्नजीवित करने का प्रयास है। जहां पार्टी किसी व्यक्ति, जाति या परिवार विशेष की न हो। पहले की कांग्रेस उन सबकी पार्टी थी जो देश को आजाद कराना चाहते थे और जन सुराज उसी सोच से प्रेरित है। विचारधारा के आधार पर निश्चित तौर पर अगर आप महात्मा गांधी को लेकर चले हैं, तो मैंने ये कहा कि कांग्रेस जिस विचारधारा को रिप्रेजेंट करने का दावा करती है मेरी विचारधारा वही है।
कांग्रेस के लोग उस विचारधारा के हिसाब से काम कर पा रहे हैं या नहीं कर पा रहे हैं ये सोचना उनका काम है, हम कांग्रेस में नहीं हैं। हमारी विचारधारा वो है जो महात्मा गांधी की विचारधारा कांग्रेस में थी और उसको ही लेकर चल रहे हैं। हम कांग्रेस के लिए दरवाजा नहीं खोल रहे हैं, उस विचारधारा के लिए हम कह रहे हैं कि हमारी वही विचारधारा है।
दरभंगा में जनसंवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि महात्मा गांधी की जो विचारधारा थी, उसी से प्रेरित होकर जन सुराज की व्यवस्था को बनाने का प्रयास है। कांग्रेस और उनके साथी दल इसी विचारधारा के प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हैं। उस नजरिए से कहा जा सकता है कि मेरी विचारधारा उनसे मिलती-जुलती है या उनके करीब हो सकती है।
राहुल गांधी की न्याय यात्रा पर प्रशांत किशोर ने कहा कि राहुल गांधी तो बहुत बड़े नेता हैं उनको कहने की या हमारे सुझाव की कोई जरूरत नहीं है। पहले उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा की और शायद जो मैंने मीडिया में पढ़ा कि बस से या गाड़ी से वह पूर्व से पश्चिम की और अब न्याय यात्रा करने जा रहे हैं। इसे पदयात्रा तो नहीं कहेंगे, मेरी ओर से उनको शुभकामनाएं हैं।