देश की पहली जातिगत गणना बिहार में हुई है, जिसकी खूब चर्चा हो रही है। सीतामढ़ी में जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर से पत्रकारों ने पूछा कि जातिगत जनगणना के बाद तेजस्वी यादव बराबरी की बात कर रहे हैं तो क्या वे किसी मुसलमान नेता को मुख्यमंत्री बनवाएंगे या फिर जितनी आबादी उतना हक दिलाएंगे?
इस पर प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव, लालू और नीतीश कुमार को घेरते हुए कहा कि लालू यादव नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पिछले 32 सालों से बिहार में शासन कर रहे हैं। बिहार में कोई इनसे पूछने वाला नहीं है कि बिहार में इन वर्गों के प्रतिनिधित्व के बारे में आप बात कर रहे हैं, पिछले 32 बरस से आपने इन वर्गों के लिए क्या किया? जातिगत सर्वे जो आया है, उसका कोई महत्व नहीं है। बिहार में किसको नहीं मालूम है कि 35 प्रतिशत अति पिछड़े समाज के लोग रहते हैं। सवाल यह है कि इन समाजों के उत्थान के लिए इन्होंने क्या किया?
चाचा-भतीजा ने पिछड़े वर्ग के कितने लोगों को मंत्री बनाया
सीतामढ़ी के रून्नी सैदपुर में जन संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि आज की जो महागठबंधन सरकार है, उसमें से अति पिछड़ा समाज के कितने MLA हैं? अति पिछड़ा समाज से कितने लोगों को मंत्रिमंडल में मंत्री बनाया है? उनसे यह पूछ लीजिए कि जो विभाग दिए गए हैं, अति पिछड़ा और दलित समाज के या अल्पसंख्यक समाज के मंत्री हैं भी, उनको कौन-सा विभाग दिया गया है। जनभागीदारी की जो बात कर रहे हैं तो इनको शुरुआत खुद से करनी चाहिए। चाचा-भतीजा कुंडली मारकर खुद कुर्सी पर बैठे हुए हैं और दूसरे से कह रहे हैं कि इनको हक मिलना चाहिए। आप उनको मुख्यमंत्री बना दीजिए। नीतीश कुमार कल कैबिनेट का विस्तार करें और अल्पसंख्यक और दलित समाज के लोगों को उनका प्रतिनिधित्व दें। गृह मंत्रालय और पथ निर्माण आप चलाएंगे, सारे बड़े विभाग अपने पास रखिएगा और बात कीजिएगा प्रतिनिधित्व का?
तेजस्वी 2 विभाग छोड़ दें, पता चलेगा दलित अल्पसंख्यकों के कितने हितैषी
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि RJD से जाकर पूछिए कि पिछली बार आप 150 सीटों पर चुनाव लड़े थे तो कितने अति पिछड़ी जातियों को आपने टिकट दिया? कितने लोग जीतकर आए ? जो जीतकर आए भी उनको आपके सरकार में क्या भागीदारी दी गई? बेवकूफ बनाया जा रहा है। आपसे ज्यादा अगड़ा है कौन बिहार में? बिहार में 30 बरस से आप ही लोग राज कर रहे हैं तो हिस्सा आप ही को न देना पड़ेगा? नीतीश कुमार अपना मुख्यमंत्री का पद छोड़ दें और किसी अति पिछड़े या फिर दलित को मुख्यमंत्री बना दें। न भी दें तो कम से कम उपमुख्यमंत्री बना दें। RJD किसी को उपमुख्यमंत्री बना दे। तेजस्वी यादव जो अपने मुख्य 4 विभागों के मंत्री हैं, उसमें से किसी 1 या 2 को छोड़कर मंत्री बना दें तो पता चल जाएगा कि यह कितने दलित अल्पसंख्यकों के हितैषी हैं।