Prashant Kishore के आलीशान वैनिटी वैन में फर्जीवाड़ा का अंबार: प्रशासनिक जांच में सामने आई हैरान कर देने वाली जानकारियां

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BPSC70th परीक्षा में कथित गड़बड़ी को लेकर प्रशांत किशोर जब गांधी मैदान में अनशन पर बैठे तो उनके आंदोलन के ज्यादा चर्चा वैनिटी वैन की हुई. प्रशांत किशोर के अनशन स्थल के पास एक आलीशान वैनिटी वैन खड़ा कर दिया गया था. सोमवार को प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के साथ ही पटना जिला प्रशासन ने इस वैन को जब्त कर पूरी जांच पड़ताल करायी. इस जांच में हैरान कर देने वाली जानकारियां सामने आयी हैं.

प्रशासन की जांच के मुताबिक प्रशांत किशोर के वैनिटी वैन में कई तरह का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है. सरकार के परिवहन नियमों की धज्जियां उड़ाकर इस वैन को प्रशांत किशोर की सुख सुविधा में लगाया गया था. इस वैन में आलीशान तरीके से विश्राम करने के तमाम इंतजाम किये गये थे. पटना जिला परिवहन कार्यालय की ओर से जांच पड़ताल के बाद पूरी रिपोर्ट जारी की गयी है.

सरकारी नियमों की धज्जी उड़ा दी गयी

पटना जिला परिवहन कार्यालय की ओर प्रशांत किशोर के वैनिटी वैन पर की जांच में पता चला है कि वैनिटी वैन जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर PB13AY9000 है, उसका रजिस्ट्रेशन पंजाब के संगरूर RTO में कराया गया है. इस गाड़ी की खरीद 06.06.2011 को की गयी लेकिन सरकारी कार्यालय में रजिस्ट्रेशन साढ़े पांच महीने बाद 28.11.2017 को कराया गया.

पटना के परिवहन अधिकारियों की जांच में पता चला है कि इस वैन का मेकर- SML ISUZU LTD और मॉडल SML ISUZU प्रदर्शित हो रहा है,  जबकि इस वाहन पर DC Company का लोगो लगा हुआ है. इस गाड़ी का सरकारी कार्यालय में रजिस्ट्रेशन Fully Built category में किया गया है।

जांच में पता चला है कि प्रशांत किशोर के वैनिटी वैन का Wheel Base-4500 mm लम्बाई का है. इससे यह स्पष्ट है की वाहन का निबंधन Deluxe श्रेणी में 25 seating Capacity में होना चाहिए. लेकिन वाहन का निबंधन Motor car LMV में 01 Seating Capacity में कराया गया है. इस वैन का रोड टैक्स ऑनलाइन नहीं दिख रहा है और ना ही वाहन का मूल्य बताया गया है, जिसके आधार पर रोड टैक्स तय किया जाता है. इस गाड़ी का Dimension भी ऑनलाइन नहीं दिखाया गया है. यानि कितनी लंबाई-चौड़ाई है, इसकी जानकारी नहीं दी गयी है.

पंजाब की गाड़ी को बिहार में घूमा रहे थे

प्रशांत किशोर के वैनिटी वैन का रजिस्ट्रेशन पंजाब राज्य में कराया गया है. सरकार के मोटरवाहन अधिनियम की धारा 49(1) के मुताबिक अगर गाड़ी को रजिस्ट्रेशन वाले राज्य से बाहर ले जाया जाता है तो 30 दिनों के अंदर वाहन स्वामी को अपने आवासीय पते की जानकारी उस जिले के RTO या DTO को देना जरूरी है. प्रशांत किशोर सरकार को बिना कोई जानकारी दिये पंजाब की गाड़ी क बिहार में घूमा रहे थे.

चेसिस के साथ की गयी छेड़छाड़

पटना जिला परिवहन कार्यालय ने अपनी जांच में पाया है कि प्रशांत किशोर के वैनिटी वैन का चेसिस संख्या अस्पष्ट है. इससे ये लग रहा है कि चेसिस नंबर के साथ छेड़-छाड़ किया गया है. परिवहन अधिकारियों ने इसकी जांच एफएसएल से कराने की अनुशंसा की है, जिससे चेसिसनंबर की सही पहचान हो सके.

टैक्स की हुई चोरी

पटना जिला परिवहन कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक प्रशांत किशोर जिस वैनिटी वैन का उपयोग कर रहे थे, उसका रजिस्ट्रेशन निजी वाहन के तौर पर कराया गया है. जबकि प्रयोग व्यवसायिक (Commercial) वाहन के तौर पर किया जा रहा था. इस संबंध में कोई भी ऑथराइजेन लेटर पेश नहीं किया गया है. बता दें कि निजी वाहन औऱ कमर्शियल वाहन के टैक्स अलग होते हैं. कमर्शियल वाहन पर ज्यादा टैक्स लगता है.

वैन के अंदर आलीशान सुविधायें

पटना जिला परिवहन कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक प्रशांत किशोर जिस वैनिटी वैन का उपयोग कर रहे थे, उसमें एयर कंडीशनर, सोफा, बेड, एलईडी लाइट्स, वीडियो एलईडी स्क्रीन, आधुनिक बाथरूम बनाया गया है. लेकिन गाड़ी में इन तमाम मोडिफिकेशन की कोई जानकारी परिवहन कार्यालय को नहीं दी गयी. ये मोटरवाहन अधिनियम की धारा 52 का पूर्णतः उल्लंघन है.

ड्राइवर के पास लाइसेंस नहीं

परिवहन विभाग की जांच में वैनिटी वैन को पूर्णिया जिले के भातोतर गांव का रहने वाला अवधेश पासवान नाम का ड्राइवर चला रहा था. लेकिन उसके पास कोई ड्राइविंग लाइसेंस नहीं पाया गया. उसने परिवहन अधिकारियों को अपना लाइसेंस नहीं दिखाया. इस वैनिटी वैन पर हाई सेक्यूरिटी नंबर प्लेट (HSRP) भी नहीं लगाया गया था. पटना जिला परिवहन कार्यालय ने कहा है कि वह फोरेंसिक साइंस लॉबोरेट्री(FSL) से इस गाड़ी की जांच करा रही है. FSL की रिपोर्ट के बाद और ज्यादा जानकारी मिल पायेगी.