शिक्षा-परीक्षा को मुद्दा बना जन सुराज पार्टी (जसुपा) के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) जहां पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे हुए थे। उसके बाद आज सुबह इनको गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन, पीके के इस अनशन में जिस जिस की चर्चा सबसे अधिक हुई है। वह है उनका वैनिटी वैन। अब खबर यह है की इस वैन को जब्त कर लिया गया है।इस वैन को पटना के परिवहन भवन लाया गया है। इस बात की जानकारी वैन के ड्राईवर ने दी है।
पीके के वैनिटी वैन के ड्राईवर अवधेश पासवान ने कहा कि मैं पिछले 10 साल से यह गाड़ी चला रहा हूं। यह गाड़ी पूर्णिया के पूर्व सांसद पप्पू सिंह उर्फ उदय सिंह का है। इसमें सभी तरह की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने प्रशांत किशोर को दोस्ती के नाते यह गाड़ी दी है। पिछले 2 साल से प्रशांत किशोर इस गाड़ी का उपयोग करते हैं। प्रशांत किशोर जब बिहार की यात्रा पर निकलने से तभी से इस गाड़ी का उपयोग कर रहे हैं। इसके आगे उन्होंने कहा कि गांधी मैदान से डीटीओ साहब साथ में गाड़ी के साथ आए हैं। वह वाहन की चेकिंग करने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन इसकी चाबी मेरे पास नहीं है लिहाजा उन्होंने गाड़ी यहीं लगाने को कहा है।
हमने बताया कि प्रशांत किशोर के जिस वैन की चर्चा हो रही है, उसका मालिक सनस्टार सेल्स एंड डिस्ट्रीब्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है। अब ये जानिये कि इस कंपनी के मालिक कौन हैं. इस कंपनी के तीन डायरेक्टर हैं। उनके नाम हैं सुशील कुमार सिंह, रूबी सिंह और अशोक बहादुर। अब आप रूबी सिंह के बारे में जानिये।रूबी सिंह बिहार के पूर्णिया के पूर्व सांसद उदय सिंह की पत्नी हैं।यानि सनस्टार कंपनी और वैनिटी वैन दोनों का संबंध पूर्व सांसद उदय सिंह से है।
हम आपको प्रशांत किशोर से उदय सिंह के पूरे कनेक्शन को बताते हैं. प्रशांत किशोर पिछले ढ़ाई साल से बिहार में कैंप कर रहे हैं।इस दौरान पटना में उनका स्थायी आवास है, शहर के बेली रोड पर स्थित शेखपुरा हाउस।ये शेखपुरा हाउस पूर्व सांसद उदय सिंह का ही आलीशान बंगला है। पटना में प्रशांत किशोर की तमाम गतिविधियां उसी आलीशान बंगले से चलती हैं। अब ये जानिये कि पूर्व सांसद उदय सिंह का पूरा परिचय क्या है।
उदय सिंह पूर्णिया के जमींदार परिवार से आते हैं. वे 2004 और 2009 में बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर पूर्णिया से लोकसभा का चुनाव जीत कर सांसद रह चुके हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में वे चुनाव हार गये। हालांकि उदय सिंह तब बीजेपी में ही बने रहे, उन्हें उम्मीद थी कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी फिर से मौका देगी। लेकिन बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में उदय सिंह को टिकट नहीं दिया।