जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार में दौरा कर रहे हैं. इस क्रम में अभी समस्तीपुर में है. प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिल्ली यात्रा और अटल बिहारी बाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर नीतीश कुमार अटल जी को श्रद्धांजलि देने गए थे? तो पिछले साल क्यों नहीं गए थे?
साथ ही कहा कि नीतीश कुमार पिछले 8 साल में नहीं गए, यहां तक कि नीतीश जब भाजपा के साथ थे तब भी नहीं जाते थे. हालांकि नीतीश कुमार का अपना राजनीति करने का तरीका है. एक दरवाजे को खोलते हैं और पीछे से खिड़की और रोशनदान दोनों खोलकर रखते हैं. किसकी कब जरूरत पड़ जाए, इसके अनुसार अपना रास्ता खोले हुए हैं।
वहीं प्रशांत ने कहा कि I.N.D.I.A. उनके लिए दरवाजा है और खिड़की राज्यसभा सदस्य हरिवंश नारायण हैं, जिनके माध्यम से उनका भाजपा के साथ संपर्क बना हुआ है. ये मैसेजिंग है जैसे हम कमरे में रोशनी आने के लिए जगह छोड़ देते हैं. नीतीश कुमार इन सब के माध्यम से बीजेपी और एनडीए वालों को मैसेज दे रहे हैं कि आपके जो बड़े श्रद्धेय थे उनकी हम इतनी श्रद्धा करते हैं. साथ ही नीतीश कुमार पर सवाल करते हुए कहा कि कोई पूछे कि पिछले साल क्यों नहीं गए थे? ये उनका एनडीए वालों के ऊपर दबाव बनाने का तरीका है कि अगर हमको आप लोग भाव नहीं दीजिएगा तो हम उधर भी जा सकते हैं. बिहार में नीतीश कुमार की राजनीति कौन नहीं जानता है।