वर्षों पुरानी सांस्कृतिक गुलामी की जंजीरें तोड़ भारत अब अपने पुराने गौरव को हासिल करने की राह पर चल पड़ा है. यूपी में इसकी बानगी देखी जा सकती है. इलाहाबाद और मुगलसराय का नाम बदलने के बाद अब एक और बड़े जिले फिरोजाबाद का नाम बदलने की तैयारी है. इसके लिए जिले के नगर निगम ने प्रस्ताव पास कर दिया है, जिसे अब मंजूरी के लिए यूपी सरकार को भेजा जाएगा. वहां से मंजूरी मिलने के बाद इस जिले का विदेशी दासता का अहसास कराने वाला नाम बदल दिया जाएगा.
सबकी सहमति से पास हुआ प्रस्ताव
फिरोजाबाद (Firozabad) नगर निगम की मेयर कामिनी राठौर ने बताया, प्राचीन काल में फिरोजाबाद को चंद्रावर के नाम से जाना जाता था. जिसे अकबर ने बदलवा दिया. अब हम अपने जिले को पुराना गौरवशाली नाम वापस दिलवाने की कोशिश कर रहे हैं. यह कोई नया नाम नहीं है. इस संबंध में निगम में प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे सबकी सहमति से पास कर चंद्र नगर (Chandra Nagar) कर दिया गया है.
प्राचीन नाम था चंद्रावर
बताते चलें कि दिल्ली से करीब 250 किमी दूर बसा फिरोजाबाद (Firozabad) अपनी चूडियों के निर्माण उद्योग की वजह से प्रसिद्ध है. इस जिले में शिकोहाबाद, टुंडला और सिरसागंज जैसे बड़े कस्बे आते हैं. यहां के ज्यादातार कांच से जुड़े काम-धंधे में लगे हैं. इतिहासकारों के मुताबिक इस जिले का प्राचीन नाम चंद्रावर था.
यह नाम उस वक्त शासक रहे राजा चंद्रसेन के नाम पर पड़ा था. राजा चन्द्रसेन और मुहम्मद ग़ोरी के बीच 1194 ई. में बड़ी जंग हुई थी, जिसमें राजा चन्द्रसेन को हार झेलनी पड़ी थी. आज भी फिरोजाबाद में यमुना नदी के के किनारे चंद्रावर (Chandravar) नगर बसा हुआ है, जो देखरेख के अभाव में खंडहर हालत में पहुंच चुका है.
कैसे पड़ा फिरोजाबाद नाम?
चंद्रावर जिले (Chandravar) का नाम मुगल बादशाह अकबर के शासनकाल में बदला गया था. उस दौरान अकबर ने अपने मनसबदार फिरोज शाह को चंद्रावर पर कब्जा करने के लिए भेजा गया था. फिरोजशाह ने अपने मुगल सैनिकों के साथ चंद्रावर में जबरदस्त मारकाट मचाई. इतिहासकार कहते हैं कि उस दौरान सैकड़ों हिंदुओं की हत्या कर उनके परिवारों को जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया. इसके साथ ही जिले में मौजूद मंदिरों को भी ध्वस्त कर दिया गया. फिरोजशाह के इस अभियान से खुश होकर अकबर ने चंद्रावर का नाम फिरोजाबाद कर दिया था.