भागलपुर के महाशय ड्योढी में दुर्गा पूजा की तैयारी शुरू; स्थापित किया गया बोधन घट, लुटाई गयी कौड़ियां
भागलपुर जिले में महाशय ड्योढी एक ऐसा स्थान है जहां प्राचीन समय से दुर्गा पूजा होते आ रही है। यहां की खास बात यह है की यहां होने वाली दुर्गा पूजा और लगने वाले मेले के लिए किसी तरह का चंदा नहीं लिया जाता। वहीं भागलपुर जिले में दुर्गा पूजा को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। नाथनगर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत स्थित महाशय ड्योढी और सुजापुर स्थित मां दुर्गा मंदिरों में आज मां दुर्गा के आह्वाहन को लेकर मंदिर से बोधन घट निकाल कर ढोल, ढाक गाजे बाजे के साथ गंगा घाट ले जाया गया।
वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बोधन घट में जल भरकर वापस मंदिर में पहुंच कर विधिवत पूजा अर्चना की गई तत्पश्चात मां दुर्गा का आह्वाहन कर बोधन घट को मंदिर में स्थापित किया गया। कलश की पूजा आज से शुरू होकर विजयादशमी तक चलेगा। यह पूजा 18 दिनों तक चलता रहेगा और मंदिर में प्रज्वलित दीप अनवरत विजयादशमी तक जलते रहेगा। इसके साथ ही महाशय ड्योढी मंदिर और सुजापुर दुर्गा स्थान में दुर्गा पूजा 18 दिनों तक मनाई जाएगी। ऐसा दावा किया है कि कोलकाता की काली और महाशय ड्योढी की दुर्गा पूजा काफी विख्यात है।
400 वर्ष पुरानी है कौड़ी लुटाने की परंपरा
महाशय ड्योढी मंदिर में कौड़ी लुटाने की परंपरा 400 वर्ष पुरानी है।बंगाली परंपरा के अनुसार कौड़ी को धन कुबेर का घोतक माना गया है। सुहागिन महिलाएं इस कौड़ी को सिंदूर के किए में रखती है। ऐसी मान्यता है की कौड़ी को घर में रखने से धन आने का दरवाजा खुलता है।यही कारण से श्रद्धालुओं की कौड़ी लूटने की होड़ मच जाती है।
बिन मांगी मुरादे भी होती है पूरी
महाशय परिवार के अरविंदो घोष ने बताया कि आज से मां दुर्गा के आह्वाहन के साथ पूजा शुरू हो गई है। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर बोधन घट में जल भरकर बोधन कलश मंदिर में प्रवेश कराया। ऐसी मान्यता है की माता के यहां दर्शन करने भर में लोगों की बिन मांगी मुरादे भी पूरी हो जाती हैं।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.