पटना: पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक आज दोपहर बाद पटना में आयोजित हो रही है.यह बैठक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में होगी वहीं बिहार के Cm नीतीश कुमार परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में बैठक में शामिल होंगे,जबकि पश्चिम बंगाल, झारखण्ड और ओडिशा के सीएम की जगह उनके प्रतिनिधि शामिल होंगे.झारखण्ड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव और कल्याण मंत्री चंपाई सोरेन, पश्चिम बंगाल की वित्त राज्य मंत्री चन्द्रिमा भट्टचार्य, उड़ीसा के वित्त मंत्री प्रदीप अमात और आइटी खेल एवं युवा और व्यापार मंत्री तुषार कांति बेहेरा शामिल होंगे।
इस बैठक को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि यह बिहार के लिए एक अवसर है.बैठक की परम्परा के अनुसार यहां आनेवाले सभी अतिथियों का वे स्वागत करेंगे।
इस बैठक में जहां बिहार की तरफ से विशेष राज्य का दर्जा,नेपाल में प्रस्ताविक कोशी डैम समेत अन्य मुद्दा उठाया जायेगा,वहीं केंद्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा समेत अन्य मुद्दा की चर्चा कर सकती है जबकि अन्य राज्य भी अपने अपने मुद्दें उठायेंगे.वहीं इस बैठक को लेकर बिहार राजनीति में बयानबाजी का दौर पिछले कुछ दिनों से चल रहा है जिसमें एनडीए से अलग होने के बाद केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के एक साथ पहली बैठक में शामिल होने और इससे जुड़ी राजनीति की चर्चा हो रही है.महागठबंधन के कई नेताओं द्वारा इस तरह की बैठक को चाय-पानी बैठक से संबोधित किया गया है.इन नेताओं की मानें तो इस परिषद की बैठक मे राज्यों द्वारा उठाये गये मुद्दे पर गंभीरता से काम नहीं होता है.महागठबंधन के नेताओं के इस तरह के बयान का बीजेपी ने प्रतिवाद किया है।
इस परिषद की बैठक में कई राज्यों के cm के नहीं आने पर बीजेपी नेता सह पूर्व डिप्टी cm तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि ये उन राज्यों के cm की गंभीरता को दर्शाता है.बैठक को सिर्फ चाय पानी का एजेंडा बताने पर कांग्रेस और आरजेडी पर हमला बोलते हुए तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि ये इनकी सोच को दर्शाता है.बैठक आधिकारिक रूप से होती आई है और बैठक में राज्यों के विकास के एजेंडे पर मुहर लगाती है.इसमें मंत्री के साथ ही सभी राज्यों और केन्द्र के सीनियर अधिकारी भी शामिल होते हैं।