मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(CM Nitish Kumar) प्रगति यात्रा (pragati yatra) पर हैं। बापू की कर्मभूमि चंपारण से 23 दिसंबर को मुख्यमंत्री ने अपनी यात्रा की शुरूआत की थी। यात्रा के पहला चरण खत्म होने के बाद दूसरे चरण की शुरूआत 4 जनवरी को मुजफ्फरपुर से होगी। मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर जिले का प्रशासनिक अमला जुट गया है। जोर-शोर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं हालांकि यह इस दौरान एक अजीब नजारा देखने को मिला है।
दरअसल, मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर उस पुल को भी सजाया संवारा जा रहा है, जिसके दोनों तरफ कोई एप्रोच रोड नहीं है। वर्षों बीत जाने के बाद भी इस पुल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। जी हां, हम बात कर रहे हैं पिछले दस वर्षों से अधूरे बने चंदवारा पुल की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पुल का शिलान्यास वर्ष 2014-15 में किया था। करीब 45 करोड़ की इस योजना को 2017-18 में ही पूरा कर लिया जाना था।
चंदवारा पुल के बनने से शहर के पूर्वी इलाके के लोग एनएच-57 से आसानी से जुड़ जाते। दरभंगा की ओर जाने के लिए 10 से 15 किमी की दूरी कम हो जाती। पुल के निर्माण कार्य शुरू होने के बाद से ही अड़ंगा लगता रहा। कभी पुल का पाया बह गया तो कभी पुल का पाया घस कर टेढ़ा हो गया। जैसे तैसे पुल बना तो एप्रोच रोड के लिए भूमि अधिग्रहण में समस्या आ गई। 14 फरवरी को मुजफ्फरपुर आगमन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भूमि अधिग्रहण की राशि भी निर्गत कर दी।
10 माह गुजर जाने के बाद भी अब तक भूमि अधिग्रहण नहीं होने से पुल अर्धनिर्मित अवस्था में ही है। मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर आनन फानन में पुल का रंग रोगन कराया जा रहा है। इस पुल के बनने से अखाड़ाघाट पुल का लोड काफी कम हो जायेगा। मुशहरी की ओर से आने वाले वाहन जिन्हें दरभंगा की ओर से जाना है, वह सीधे इस पुल होकर निकल जायेंगे।ये वाहन अभी एनएच होकर या शहर के अंदर से अखाड़ाघाट पुल होकर जीरोमाइल होते हुए निकलते हैं।
इसी तरह दरभंगा की ओर से आने वाले वाहन जिन्हें मुशहरी समस्तीपुर की ओर से जाना होगा, उन्हें भी आवागमन में काफी सुविधा होगी। पूरे मामले को लेकर मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन का कहना है कि पुल निर्माण में जो भी समस्या थी वह अब समाप्त हो गई है। साल 2025 में इसका उद्घाटन कराया जाएगा। नए साल में शहर वासियों को इस पुल का तोहफा मिलेगा।