एपीके 2024 में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- भारत- जर्मनी का व्यापार 30 बिलियन डॉलर से अधिक के स्तर पर पहुंचा

IND pm germany

CREATOR: gd-jpeg v1.0 (using IJG JPEG v62), quality = 82?

जर्मन व्यवसायों के 18वें एशिया पैसिफ़िक सम्मेलन (एपीके 2024) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विश्व तनाव, संघर्ष और अनिश्चितताओं के दौर से गुजर रहा है। इंडो पैसिफिक में रूल ऑफ लॉ और फ्रीडम ऑफ नेविगेशन को लेकर भी गंभीर चिंताएं हैं। ऐसे में भारत और जर्मनी की रणनीतिक साझेदारी एक मजबूत एंकर के रूप में उभरी है। उन्होंने कहा कि हमारा आपसी व्यापार 30 बिलियन डॉलर से अधिक के स्तर पर पहुँच चुका है। आज एक तरफ सैकड़ों जर्मन कम्पनियां भारत में हैं, तो वहीं भारतीय कंपनियां भी तेजी से जर्मनी में अपनी उपस्थितिबढ़ा रही हैं। भारत ग्लोबल ट्रेड और मैन्युफैक्चरिंग का भी हब बन रहा है। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने बताया कि जर्मनी ने स्किल्ड भारतीयों के लिए हर वर्ष मिलने वाले वीज़ा की संख्या, 20 हज़ार से बढ़ाकर 90 हज़ार करने का फैसला किया है। इससे जर्मनी की ग्रोथ को नई गति मिलेगी।

आपको बता दें कि भारत और जर्मनी इस वर्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग के 50 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। वहीँ, भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने आशा व्यक्त की कि अगले 25 वर्षों में उनके द्विपक्षीय संबंध नई ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (शुक्रवार) को भारत और जर्मनी के बीच मजबूत होते संबंधों की सराहना की। इस अवसर पर उन्होंने जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ के साथ बातचीत की, जो दो दिवसीय भारत यात्रा पर आए हैं। पीएम मोदी के निमंत्रण पर जर्मन चांसलर स्कोल्ज तीन दिवसीय भारत यात्रा पर बीती रात नई दिल्ली पहुंचे थे।

वहीं दूसरी ओर जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में हिन्दी में लिखा, “इस दुनिया में, हमें मित्रों और सहयोगियों की आवश्यकता है – जैसे भारत और जर्मनी हैं। प्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली में स्नेहपूर्वक स्वागत के लिए दिल से धन्यवाद!”

आज एशिया पैसिफ़िक सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 12 साल के बाद भारत में एशिया-पैसिफ़िक कांफ्रेंस ऑफ़ जर्मन बिज़नेस का आयोजन हो रहा है। ये साल, भारत-जर्मनी स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप का 25वाँ वर्ष है। अब आने वाले 25 वर्ष, इस पार्टनरशिप को नई बुलंदी देने वाले हैं। हमने आने वाले 25 वर्षों में विकसित भारत का एक रोडमैप बनाया है। एक तरफ यहां सीईओ फोरम की बैठक हो रही है, दूसरी तरफ, हमारी नौसेना साथ में अभ्यास कर रही हैं। गोवा में जर्मन नेवल शिप्स, पोर्ट कॉल पर हैं। यानि हर कदम, हर मोर्चे पर भारत और जर्मनी की दोस्ती गहरी हो रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मुझे खुशी है कि ऐसे महत्वपूर्ण समय में जर्मन कैबिनेट ने फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट रिलीज़ किया है। विश्व की दो सशक्त डेमोक्रेसीज, विश्व की दो लीडिंग इकॉनॉमीज़, साथ मिलकर कैसे फ़ोर्स फॉर ग्लोबल गुड बन सकती हैं, फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट में उसका ब्लू प्रिंट है। इसमें स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप को होलिस्टिक तरीक़े से आगे बढ़ाने की अप्रोच और कमिटमेंट साफ़ दिखता है। खासतौर पर भारत की स्किल्ड मैनपावर पर जर्मनी ने जो भरोसा जताया है, वो अद्भुत है।”

पीएम मोदी ने समिट में कहा कि भारत हर इनोवेशन को, एक शानदार प्लेटफॉर्म और बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर देने के लिए कमिटेड है। हमारा डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, नए स्टार्टअप्स और इंडस्ट्री 4.0 के लिए अनंत संभावनाओं के द्वार खोल रहा है। आज भारत अपने फिज़िकल इंफ्रास्ट्रक्चर को पूरी तरह से ट्रांसफॉर्म करने में जुटा है। रेल, रोड, एयरपोर्ट और पोर्ट में रिकॉर्ड इन्वेस्टमेंट किया जा रहा है। इसमें जर्मन और इंडो-पैसफिक रीजन की कंपनियों के लिए अनेक संभावनाएं हैं।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.