प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भागलपुर की जनसभा से कई बड़ी बातें कहीं. विकास की बातें तो की हीं, विरोधियों पर भी जमकर प्रहार किया. लालू यादव को चारा खाने वाला बताया. इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार विकास की नई गाथा लिख रहा है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार आगे बढ़ रहा है. इस दौरान उन्होंने बिहार का मशहूर उत्पाद मखाना की चर्चा की. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बिहार मखाना उत्पादक राज्य है. अब मखाना उद्योग को बढ़ाने की बारी है. मखाना सुबह के नाश्ते का महत्वपूर्ण खाद्ध पदार्थ है. मैं भी सुबह में मखाना खाता हूं. साल के 365 दिनों में 300 दिन ऐसे होंगे,जब मैं मखाना खाता हूं. इसे और बढ़ाने की जरूरत है. इसके लिए मखाना बोर्ड बनाने की घोषणा हुई है.
विकसित भारत के चार स्तंभ
सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज पीएम किसान निधि की एक और किस्त देश के करोड़ों किसानों को भेजने का सौभाग्य मिला है. एक क्लिक पर लगभग 22 हजार करोड़ रू पहुंचे हैं. जैसे ही हमने बटन दबाया, यहां के लोग भी देखने लगे कि पैसा आया की नहीं आया ? बिहार के 75 लाख किसान परिवारों को भी यह राशि भेजी गई है. यहां के लोगों को करीब 1600 करोड़ रू उनके खाते में पहुंच चुके हैं. देश के सभी किसान परिवारों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं. विकसित भारत के चार मजबूत स्तंभ हैं, गरीब, अन्नदाता किसान, नौजवान और देश की नारी शक्ति. एनडीए सरकार चाहे केंद्र में हो या नीतीश जी के नेतृत्व में बिहार में चल रही हो, किसान कल्याण हमारी प्राथमिकता में है. किसानों की हर समस्या के समाधान के लिए पूरी शक्ति से काम किए हैं. डेयरी को बढ़ाने में हमारे सहयोगी ललन सिंह का है.
पशुओं का चारा खाने वाले परिस्थिति नहीं बदल सकते.
पीएम मोदी ने कहा कि पहले किसानों की क्य़ा स्थिति थी, किसान संकट में थे. जो लोग पशुओं का चारा खा सकते हैं, वो इन स्थितिओं को नहीं बदल सकते. एनडीए सरकार ने किसानों की हालत को बदला है. प्रधानमंत्री ने भागलपुर की धरती से लालू यादव पर बड़ा हमला बोला. बिना नाम लिए उन्होंने लालू यादव को चारा खाने वाला बताय़ा. उन्होंने कहा कि अगर एनडीए सरकार न होती तो आज भी किसान भाईयों को खाद के लिए भी लाठियां खानी पड़ती.आज भी बरौनी खाद कारखाना बंद पड़ा होता
साल में 300 दिन मखाना खाते हैं पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि पहले बिहार में मछली बाहर से मंगाया जाता था. आज आत्मनिर्भर बन गया है. 2013 में मैं बिहार में चुनाव अभियान में आया था,तब हमने कहा था कि आश्चर्य हो रहा है कि यहां इतना पानी है, फिर भी मछली बाहर से मंगाया जाता है. आज संतोष है कि बिहार आज टॉप 5 मछली उत्पादक राज्यों में है. भागलपुर की पहचान तो गंगाजी में रहने वाली डॉल्फिन से भी होती है. मखाना उद्योग को बढ़ाने की बारी है. मखाना सुबह के नाश्ते का महत्वपूर्ण खाद्ध पदार्थ है. मैं भी सुबह में मखाना खाता हूं. 300 दिन ऐसे होंगे,जब मैं मखाना खाता हूं. इसे और बढ़ाने की जरूरत है. इसके लिए मखाना बोर्ड बनाने की घोषणा हुई है.