BPSC परीक्षा में प्रियांगी मेहता ने हासिल किया पहला स्थान, पहले प्रयास में ही रचा इतिहास

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बिहार लोक सेवा आयोग की 68वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में पूरे बिहार में सर्वोच्च स्थान पटना की प्रियांगी मेहता को मिला है. पटना सिटी के बहादुरपुर के संदलपुर निवासी प्रियांगी मेहता ने अपने परिवार और खानदान के साथ-साथ मोहल्ले का भी नाम रोशन किया है. बेटी की इस बड़ी सफलता से जहां उसके माता-पिता खासे प्रसन्नचित हैं, वहीं मोहल्लेवासियों को भी प्रियंगी की सफलता पर नाज है. बीपीएससी की परीक्षा में टॉप करने के बाद प्रियांगी के घर पर बधाई देने वालों का ताता लगा है. लोग प्रियांगी और उसके परिजनों का मुंह मीठा कराकर उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं.

अपने पहले ही प्रयास में बीपीएससी की परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाली प्रियांगी मेहता की प्रारंभिक पढ़ाई सत्यम इंटरनेशनल स्कूल से हुई है. यहां से उन्होंने वर्ष 2016 में मैट्रिक की परीक्षा पास की. प्रियांगी ने वर्ष 2018 में अरविंद महिला कॉलेज से इंटर की परीक्षा पास की. वहीं वर्ष 2022 में बीएचयू से राजनीतिक विज्ञान से स्नातक की परीक्षा पास की है. स्नातक करने के बाद प्रियांगी मेहता ने सेल्फ स्टडी कर बीपीएससी की परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है. प्रियंगी मेहता फिलहाल यूपीएससी की तैयारी कर रही हैं, और वह आईएएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करना चाहती हैं.

इस बड़ी सफलता का श्रेय प्रियांगी मेहता ने अपने माता-पिता और अपने परिजनों को दिया है. प्रियांगी मेहता ने बताया कि उनके माता-पिता ने उनकी हर जरूरतों को पूरा करने का प्रयास किया है. आज वह जो कुछ भी हैं वह अपने माता-पिता के ही बदौलत हैं. प्रियांगी ने नए अभ्यर्थियों से पूरी ईमानदारी और लगन के साथ बीपीएससी की तैयारी किए जाने की अपील करते हुए कहा कि पढ़ाई के दौरान कठिनाइयां जरूर आती है, लेकिन जो मानसिक रूप से मजबूत होते हैं सफलता उनके कदम चूमती है.

प्रियांगी मेहता ने बताया कि वह आईएएस अधिकारी बनकर शिक्षा के क्षेत्र में काम करना चाहती हैं. कंप्यूटर सर्विस सेंटर चलाने वाले प्रियंगी के पिता मिथिलेश मेहता और प्रियांगी की मां अर्चना देवी बेटी की इस सफलता से फूले नहीं समा रहे हैं. प्रियांगी के माता-पिता ने बताया कि उनकी तीन संताने हैं और तीनों ही बेटी है. उन्होंने बताया कि बड़ी बेटी प्रियंगी की सफलता से वह बेहद खुश हैं. मिथिलेश मेहता का कहना था कि वह अपने जीवन में जो नहीं बन सके, बेटी ने उनके सपनों को साकार कर दिया है.

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