प्रियंका चोपड़ा ने अपने अभिनय के दम पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। अभिनेत्री इन दिनों मामी फिल्म फेस्टिवल के लिए भारत आई हुई हैं। मुंबई के नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर में चल रहे इस फेस्टिवल की वह चेयरपर्सन हैं और समारोह की ओपनिंग सेरेमनी भी उन्होंने होस्ट की। रविवार को प्रियंका ने एक मास्टर क्लास सेशन में हिस्सा लिया।
इस दौरान उन्होंने फिल्मों के ऑडिशन को लेकर बात की। प्रियंका चोपड़ा ने फिल्मों की स्क्रिप्ट के चयन को लेकर खुलकर बात की और बताया कि सपनों को पूरा करने के लिए अहंकार उनके लिए कभी बाधा नहीं बनता है। बता दें कि इस सेशन में भूमि पेडनेकर भी मौजूद रहीं। भूमि ने प्रियंका से फिल्मों के लिए स्क्रिप्ट के चयन की प्रक्रिया के बारे में पूछा। इस पर प्रियंका ने कहा कि उनकी यह प्रक्रिया समय के साथ बदलती रही है। कभी-कभी फिल्में उनके पास आती हैं, वहीं कई बार ऐसा भी होता है.
जब उन्हें अच्छे प्रोजेक्ट्स के लिए जूझना पड़ता है और ऑडिशन देना पड़ता है। एक बार तो अपने मनचाहे प्रोजेक्ट के लिए उन्हें तीन बार ऑडिशन देना पड़ा था। प्रियंका चोपड़ा ने कहा, ‘ईगो हर चीज का अंत कर देता है। किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए कठिन मेहनत, विनम्रता और दृढ़ता की जरूरत होती है’।
प्रियंका का कहना है कि वह अपने सपनों को आगे बढ़ाने में अहंकार को कभी आड़े नहीं आने देतीं। उन्होंने कहा कि दूसरों की मदद करने की इच्छा रखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि केवल असुरक्षित लोग ही दूसरों को पीछे धकेलते हैं।बातचीत के दौरान प्रियंका ने कहा कि उन्होंने एक फिल्म के लिए तीन राउंड में ऑडिशन दिया, वह वास्तव में उस फिल्म का हिस्सा बनना चाहती थीं।
प्रियंका ने कहा कि उन्होंने उस प्रोजेक्ट के बारे में कहीं पढ़ा था और वह बस किसी भी तरह उसका हिस्सा बनने के लिए आतुर थीं। उन्होंने फिल्म के मेकर्स को कॉल किया और अपना ऑडिशन देने की बात कही। इसके बाद तीन राउंड में उनके ऑडिशन हुए। अभिनेत्री ने बताया कि पहली बार में फिल्म मेकर्स के साथ उनकी मीटिंग थी। फिर अगली बार निर्देशक के साथ स्क्रिप्ट रीडिंग के लिए उनके घर पर मीटिंग थी। तीसरी मीटिंग स्टूडियो में थी, जिसके बाद आखिर यह फिल्म उन्हें मिल पाई।