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‘खोजी कुत्ते के भरोसे सजा नहीं हो सकती’, फांसी का आरोपी पटना हाईकोर्ट से बरी, रेप के बाद मर्डर का आरोप

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शुक्रवार कोपटना हाईकोर्ट से रेप का आरोपी बरी हो गया है. कोर्ट ने सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में फांसी की सजा पाए आरोपी को बरी कर दिया. जस्टिस आशुतोष कुमार और जस्टिस आलोक कुमार पाण्डेय ने अमर कुमार की आपराधिक याचिका पर सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ये आदेश दिया।

पटना हाईकोर्ट ने फांसी के सजायाफ्ता को बरी किया

ये घटना वर्ष 2019 की है, जब अररिया में एक नाबालिग लड़की से एक मंदिर के पास सामूहिक दुष्कर्म किया गया. उसके बाद उसकी हत्या कर दी गई. जब पीड़िता का शव मिला तो पुलिस एक खोजी कुत्ते को ले आई, उसने पहले शव को सूंघा और फिर एक ग्रामीण के घर में चला गया।

अररिया कोर्ट ने सुनाई थी फांसी की सजा

ये कुत्ता आरोपी के घर में घुस गया. कमरे के अंदर बंद पाए जाने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया. अक्टूबर 2021 में अररिया ट्रायल कोर्ट ने उसे दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई. इसके विरुद्ध उसने उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी।

खोजी कुत्ते के भरोसे सजा नहीं हो सकती

खंडपीठ ने यह पाया कि अभियोजन पक्ष का पूरा मामला केवल इस तथ्य पर आधारित था कि एक खोजी कुत्ता आरोपित के घर में घुस गया था. हाईकोर्ट ने कहा कि न्यायिक व्यवस्था खोजी कुत्ते की विशेषज्ञता पर इतनी अधिक निर्भरता को सही नहीं मान सकता. कोर्ट ने कहा कि स्नीफर डॉग साक्ष्य एक साक्ष्य नहीं हो सकता है. जब तक कि अदालत कुत्ते के कौशल की विश्वसनीयता, उसके प्रदर्शन के पिछले पैटर्न या उसके हैंडलर की क्षमताओं की जांच नहीं करती है, तब तक यह मजबूत सबूत तो बिल्कुल भी नहीं हो सकता है।

अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलीलों को खारिज की

पटना उच्च न्यायालय ने गिरफ्तारी के समय एक कमरे के अंदर बंद पाए जाने के आधार पर आरोपी के अपराध पर अभियोजन पक्ष की दलीलों को भी खारिज कर दिया. हाई कोर्ट ने उसकी तत्काल रिहाई का भी आदेश दिया।