बीमार होने पर हमें सबसे पहले डॉक्टर का ध्यान आता है। स्वास्थ्य को बिगड़ता देखते हुए हम डॉक्टर के पास पहुंचते हैं और अच्छे इलाज की उम्मीद करते हैं। वहां कई बार कुछ चीजें हमारे मनमुताबिक नहीं होती हैं, जिसके बाद कुछ लोग हिंसा और गाली-गलौच पर उतारू हो जाते हैं। कोरोना के दौरान और उसके बाद भी ऐसी कई घटनाएं सामने आई थीं जब मरीज के साथ आये लोगों ने डॉक्टर और नर्स पर हमला कर दिया था। ऐसे मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे थे, जिन्हें देखते हुए नेशनल मेडिकल कमीशन ने बड़ा कदम उठाया है।
स्वास्थ्यकर्मियों को गिफ्ट्स लेने से बचने की हिदायत
नेशनल मेडिकल कमीशन ने एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा है कि अब से रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिसनर्स (RMP) उन मरीजों या रिश्तेदारों का इलाज करने से इनकार कर सकते हैं, जो डॉक्टरों के साथ गाली-गलौज, मारपीट व हिंसा करने पर उतारू हो जाते हैं। RMP ने कहा है कि अब ऐसे मामलों को शिकायत भी की जा सकेगी। इसके साथ ही डॉक्टर व उनके परिवार फार्मास्यूटिकल कंपनियों से कोई गिफ्ट और यात्रा सुविधाएं आदि लेने से बचें।
नए नियम मेडिकल एथिक्स कोड 2002 की जगह लेंगे
इसके अलावा RMP को जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि मरीजों के अभद्र आचरण के खिलाफ डॉक्टर नेशनल मेडिकल कमीशन से शिकायत भी कर सकते हैं, ताकि मरीज को इलाज के लिए कहीं और भी रेफर कर दिया जाए। बता दें कि ये नियम मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) के मेडिकल एथिक्स कोड 2002 की जगह लेंगे। यह पहली बार होगा जब डॉक्टरों को ऐसे मरीजों के इलाज करने से इनकार करने का अधिकार मिलेगा।