आर.के सिंह का मानसिक संतुलन खराब हो गया है, उन्हें मुखिया औऱ वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ना चाहिये: BJP के बड़े नेता ने जमकर कोसा

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लोकसभा चुनाव में अपनी ही पार्टी बीजेपी के नेताओं पर गद्दारी का आरोप लगाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह के बयान के बाद पार्टी में विस्फोट हो गया है. आरके सिंह के आरोपों का जवाब देने के लिए बीजेपी के कद्दावर नेता मैदान में उतर गये हैं. शनिवार की सुबह पूर्व मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने आऱके सिंह को मीडिया में बयान देने के बजाय अनुशासन में रहने की नसीहत दी थी. अब एक औऱ बड़े नेता ने आरके सिंह को जमकर खरी खोटी सुनायी है.

पूर्व मंत्री राघवेंद्र प्रताप सिंह का तीखा हमला

आरा के बड़हरा से बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री राघवेंद्र प्रताप सिंह ने आज आरके सिंह पर बड़ा हमला बोला है. राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि आरके सिंह का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है. अगर वे कह रहे हैं कि उन्हें पार्टी के नेताओं ने हरवाया है तो उन्हें बताना चाहिये कि किस नेता ने गद्दारी की. आरके सिंह वैसे नेताओं का नाम क्यों नहीं ले रहे हैं.

अपनी कमी को दूसरे पर नहीं थोपे

राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मैंने भी कई चुनाव हारे हैं लेकिन कभी किसी पर आरोप नहीं लगाया कि उसने मुझे हरवाया है. बल्कि अपनी गलती को तलाशा, जिसके कारण मेरी हार हुई. आर के सिंह ऐसा करने के बजाय दूसरों पर आरोप लगा रहे हैं.

मुखिया-वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ लें

राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि हारने के बाद हर कैंडिडेट को आकलन करना चाहिये कि हार क्यों हुई. दूसरों पर आरोप लगाने से पहले अपने अंदर झांकना चाहिये. राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि अगर आरके सिंह ये कह रहे हैं कि उन्हें कुशवाहा और ब्राह्मण जाति के लोगों का वोट नहीं मिला तो उन्हें पांच लाख वोट कैसे आ गया.

नाम बतायें कि पवन सिंह को किसने पैसा दिया

राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि आरके सिंह को ढकी छिपी बात करने के बजाय खुल कर सामने आना चाहिये. उन्हें नाम बताना चाहिये कि किसने पवन सिंह को पैसा देकर चुनाव लड़वाया था. आरके सिंह को ज्यादा व्याकुल नहीं होना चाहिये, राजनीति में ज्यादा व्याकुल होने पर आदमी और नीचे फिसलता जा रहा है.

मुखिया-वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ कर देख ले

राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि आरके सिंह कह रहे हैं कि वे अपने विरोधियों को विधानसभा चुनाव में हरायेंगे. लेकिन उससे पहले वे खुद चुनाव में खड़ा होकर देख लें कि किस विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतते हैं. विधानसभा छोड़िये वे मुखिया, सरपंच औऱ वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ कर देख लें.

आरके सिंह के बयान से मचा है घमासान

बता दें कि दो दिन पहले दिये गये आरके सिंह के बयान से पार्टी में घमासान छिड़ा है. लोकसभा चुनाव में आरा से प्रत्याशी रहे आर.के. सिंह ने खुले मंच से कहा कि लोकसभा चुनाव में बिहार बीजेपी के एक बड़े नेता ने गद्दारी की थी. पार्टी नेताओं की गद्दारी के कारण मेरी हार हुई. इसी नेता ने पैसा देकर पवन सिंह को खड़ा कराया था.

आरके सिंह ने कहा कि वे जिस बड़े नेता की बात कर रहे हैं, वे मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं. उन्होंने पवन सिंह को चुनाव में खड़ा करवाया था. इसके कारण ही वोट का सारा समीकरण बदला और बीजेपी आरा समेत कई सीट हार गयी. आरके सिंह ने कहा कि मुझे सारी बातों की जानकारी मिल गयी है.

पवन सिंह को बीजेपी ने खड़ा कराया

आरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए आरके सिंह ने कहा था कि लोग कह रहे हैं कि पवन सिंह के कारण आप चुनाव हार गये. पवन सिंह की कोई गलती नहीं की. पवन सिंह खुद चुनाव में खड़े नहीं हुए. उन्हें बीजेपी ने खड़ा कराया. बीजेपी ने कहा था कि उन्हें आसनसोल से टिकट दिया जायेगा. फिर कहा कि टिकट नहीं देंगे.

बीजेपी नेता ने पवन सिंह को पैसा दिया

आरके सिंह ने कहा है कि बीजेपी के कारण ही पवन सिंह चुनाव में खड़े हुए. अगर उन्हें आसनसोल से टिकट मिलता तो वे काराकाट से चुनाव नहीं लड़ते. काराकाट से भी वे अपनी मर्जी से खड़ा नहीं हुए. उन्हें बीजेपी के एक नेता ने पैसा देकर चुनाव में खड़ा कराया.

पार्टी ने भी मेरी बात नहीं

आरके सिंह ने दावा किया है कि उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान ही पार्टी के बड़े नेताओं से कहा था कि आप लोग एक बार पवन सिंह से बात कर लीजिये तो वे चुनाव मैदान से हट जायेंगे. लेकिन पार्टी ने उनकी बात नहीं सुनी. इसका नतीजा ये हुआ कि कुशवाहा वोट हमसे अलग हो गय़ा. कुशवाहा जाति के लोगों ने कहा कि चूकि काराकाट में राजपूत जाति के वोटर हमारी जाति के नेता को वोट नहीं दे रहे हैं इसलिए हम भी आपको वोट नहीं देंगे.

मेरे साथ और भी दगाबाजी हुई 

पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा कि मेरे साथ और भी दगाबाजी हुई. बूथ पर हमारा पोलिंग एजेंट औऱ वोटर लिस्ट नहीं पहुंचा. अगर पवन सिंह के कारण कुशवाहा जाति के वोटर हमें वोट नहीं दे रहे थे तो भी हमारी जीत हो जाती. लेकिन बूथ स्तर पर हमारे साथ गद्दारी की गयी. इसके कारण हम चुनाव हारे.

सीएम पद के दावेदारों ने हराया

आरके सिंह ने कहा है कि उनके साथ ये सब इसलिए हुआ क्योंकि वे बीजेपी के भीतर मुख्यमंत्री पद के दावेदार लोगों को खटकने लगे थे. उनके कुछ समर्थक कहीं-कहीं नारा लगा दे रहे थे कि बिहार का मुख्यमंत्री कैसा हो, आरके सिंह जैसा हो. इससे ही मेरा गला कट गया. बीजेपी में जो लोग मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं, उनकी नजर पर मैं चढ़ गया.

आरके सिंह ने कहा कि बीजेपी के उन्हीं नेताओं ने मेरे खिलाफ साजिश रची. आरा में बीजेपी के कुछ नेताओं को इशारा कर दिया गया कि आरके सिंह को हरवाना है. इसके लिए वोटिंग को प्रभावित किया गया था. हमारे वोटरों का वोटिंग स्लो कराया गया था.

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