बक्सर में रघुनाथपुर स्टेशन के पास दिल्ली के आनंदविहार से कामाख्या जा रही नॉर्थईस्ट एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद वहां बचाव कार्य लगातार जारी है. अभी इस लाइन पर ट्रेनों का परिचालन नहीं हो सका है. 35 घंटे से दिल्ली-हावड़ा रेल रूट पूरी तरह ठप है. हालांकि कई ट्रेनों का रूट बदला गया है और करीब 30 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है।
वहीं रेल दुर्घटना की जांच के लिए रेलवे सेफ्टी से जुड़े अधिकारी बक्सर में मौजूद हैं और हादसे से जुड़ी जानकारी जुटा रहे हैं. क्योंकि ये मामला रेलवे की सेफ्टी से जुड़ा हुआ है, इसीलिए ज्यादातर रेलवे के सेफ्टी से जुड़े अधिकारी ही दुर्घटनास्थल का जायजा लेने पहुंचे हुए हैं।
आपको बता दें कि इस दुर्घटना में नॉर्थईस्ट एक्सप्रेस ट्रेन की सभी बोगियां बेपटरी हो गईं थी, जिसमें तीन बोगी पूरी तरह पलट गईं थी. हादसे में चार लोगों की मौत हुई है जबकि 78 लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की बात अब तक सामने आई है. इन सभी का इलाज बक्सर, भोजपुर और पटना एम्स में कराया जा रहा है. राजधानी पटना के एम्स में 12 मरीज भर्ती है, जिसमें सभी लोग खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं. इनका इलाज डॉक्टर की निगरानी में चल रहा है।
इस भीषण रेल हादसे में मृतकों की पहचान उषा भंडारी और आठ वर्षीय पुत्री अमृता कुमारी के रूप में हुई जो असम के तिनसुकिया जिला के सदियां गांव के निवासी थी. मां-बेटी पति और अन्य एक बच्ची के साथ दिल्ली से असम जा रहे थे. तीसरे मृतक की पहचान बिहार के किशनगंज के सपतेया विष्णुपुर के 27 वर्षीय जैद के रूप में की गई है ये दिल्ली से किशनगंज जा रहा था. वहीं चौथे मृतक की पहचान अब तक नहीं हो पाई है. मृतकों के अलावा 78 लोग गंभीर रूप से जख्मी हैं।