पटना। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के बारे में पूछे जाने पर अमेरिका में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (आईओसी) के अध्यक्ष और कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा और एक प्रतिष्ठित मैगजीन के पत्रकार के बीच हुई हाथापाई पर राजनीति गरमा गई है। सत्ताधारी पार्टी के नेता आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी बांग्लादेशी हिंदुओं के उत्पीड़न के मुद्दे पर चुप रहे हैं। ये बातें मानवाधिकारों पर उनके दोहरे मापदंड को साफ तौर पर दर्शाती हैं। एक तरफ वह भारत विरोधी एलन उमर से मिलते हैं, दूसरी तरफ बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर वे चुप हैं। इससे साबित होता है कि वे राजनीति में सिर्फ ऐसे एजेंडे के साथ काम करना चाहते हैं कि वे इस देश की बड़ी आबादी के साथ नजर न आएं। वह बार-बार दूसरे सवालों के जरिए देश की चुनी हुई सरकार पर हमला करते रहते हैं।
वहीं इसे लेकर भाजपा के राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “प्रतिष्ठित मैगजीन के वाशिंगटन में पत्रकार ने लिखा है कि टेक्सास के डलास में राहुल गांधी की टीम ने मुझ पर किस तरह हमला किया। उनके सहयोगियों ने उनका फोन छीन लिया और उन्हें बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों के बारे में पूछे गए सवाल का फुटेज डिलीट करने के लिए मजबूर किया।”
अमित मालवीय ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए आगे लिखा, “राहुल गांधी की टीम एक पत्रकार के साथ आक्रामक हो रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि संबंधित मैगजीन का मीडिया ग्रुप क्या इसे बड़ा मुद्दा बनाता है और अपने मंच का इस्तेमाल अपने पत्रकार पर हमले को उजागर करने के लिए करता है। यह देखना भी दिलचस्प होगा कि क्या उस मीडिया समूह के प्राइम टाइम शो पर इस मुद्दे को उठाया जाता है।”
उन्होंने लिखा, ” मामले में कांग्रेस की ओर झुकाव रखने वाले यूट्यूब पत्रकारों की चुप्पी साफ झलकती है। लेकिन क्या प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और मीडिया के बड़े लोग अपने साथी पत्रकार पर इस आक्रामक कार्रवाई के लिए राहुल गांधी और कांग्रेस की निंदा करेंगे?”