आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और इंडिया अलायंस में शामिल पार्टियां तैयारियों में जुटी हैं. इस बीच राहुल गांधी की रविवार (14 जनवरी) को मणिपुर से शुरू हुई ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ भी इसी कड़ी के एक हिस्से के रूप में देखी जा रही है. मणिपुर यात्रा के बहाने कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ पर तंज कसते हुए कहा कि ‘हम आपकी बात सुनते हैं. आपको ‘मन की बात’ नहीं बताना चाहते हैं. हम आपके ‘मन की बात’ सुनना चाहते हैं.’
राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर के थौबल जिले के खोंगजोम से की. मणिपुर पिछले साल मई माह से जातीय हिंसा से जूझ रहा है. मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष ने सड़क से लेकर संसद तक आवाज भी उठाई है. कांग्रेस ने मणिपुर मामले पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों पर लगातार हमले किए हैं. इस मुद्दे पर विपक्षी गठबंधन भी कांग्रेस के साथ खड़ा नजर आया है.
प्रधानमंत्री आपके आंसू पोंछने के लिए यहां नहीं आए- राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मणिपुर रैली के दौरान कहा कि वह गत 29 जून को मणिपुर आए और उस दौरान जो देखा और सुना था, न वो पहले कभी देखा और न सुना. उन्होंने कहा कि वह साल 2004 से राजनीति में हैं. पहली बार ऐसे राज्य में गया था जहां पर सरकारी ढांचा ध्वस्त हो गया था. वो मणिपुर अब पहले जैसा नहीं था. मणिपुर हिंसा में कई भाई-बहन, माता-पिता की मौत हुई लेकिन आज तक भारत के प्रधानमंत्री आपके आंसू पोंछने के लिए यहां नहीं आए हैं. यह बेहद ही शर्मनाक बात है.
राहुल गांधी का पीएम मोदी और बीजेपी-आरएसएस पर तंज
राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि शायद बीजेपी-आरएसएस के लिए मणिपुर भारत का हिस्सा ही नहीं है. भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने कश्मीर से कन्याकुमारी तक यात्रा निकाली और लोगों से भारत को जोड़ने की बात की, उनसे नफरत मिटाने की बात करते हुए लाखों लोगों से बातचीत कर उनका दर्द सुना.
‘मणिपुर का अमन चैन वापस लेकर आएंगे’
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि मणिपुर ने वो सब खो दिया है जिसको हमने महत्व दिया था लेकिन यह हम वापस लाएंगे. भारत जोड़ो यात्रा सुबह 6 बजे से शुरू होती थी और 7 बजे समाप्त करते थे. उन्होंने कहा कि आपके साथ मिलकर देश के सामने भाईचारे का विजन रखने जा रहे हैं. राहुल गांधी ने अपनी यात्रा की शुरुआत करने से पहले 1891 के एंग्लो-मणिपुर युद्ध के शहीदों की याद में बनाए गए खोंगजोम युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की.